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भरी सर्दी में कैसे 'कैश' से गरमाई दिल्ली की सियासत? जानिए क्यों मचा है नोट-नोटिस पर बवाल

प्रवेश वर्मा ने आतिशी के आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी कि उनके दिवंगत पिता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा द्वारा गठित गैर सरकारी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान’ के एक अभियान के तहत यह धनराशि वितरित की गई है.

भरी सर्दी में कैसे 'कैश' से गरमाई दिल्ली की सियासत? जानिए क्यों मचा है नोट-नोटिस पर बवाल
नई दिल्ली:

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की आहट साफ-साफ सुनाई पड़ने लगी है. कुछ दिनों पहले ही आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का ऐलान किया था, लेकिन आज अखबारों में उनकी सरकार की तरफ से ही एक नोटिस छपा, जिसमें इन्हें फ्रॉड बता दिया गया. इसके बाद बीजेपी (BJP) और आप (AAP) में सियासी जंग तेज हो गई. हालांकि ये विवाद तब और बढ़ गया, जब खबर आई कि बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के घर जुटी महिलाओं को रुपये दिए गए.

दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए दो महीने से भी कम का वक्त बचा है और बीजेपी और आप में एक दूसरे पर वार पलटवार भी काफी बढ़ गया है.

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कुछ दिनों पहले ही ये खबर आई थी कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में प्रवेश वर्मा को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से उतार सकती है, लेकिन बुधवार को उनके घर के बाहर तब हलचल तेज हो गई, जब कुछ महिलाएं वहां पहुंच गईं और ये हलचल तब सियासी भूचाल में बदलने लगी, जब पता चला कि उन महिलाओं को प्रवेश वर्मा की तरफ से ग्यारह-ग्यारह सौ रुपए बांटे जा रहे हैं.

जैसे ही ये खबर फैली, आम आदमी पार्टी को बीजेपी पर हमला बोलने का एक मौका मिल गया. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच महिलाओं को पैसा बांटने पर घमासान मच गया. आप ने कहा कि देखा ना, कैसे बीजेपी पैसे बांटती है, तो वहीं बीजेपी कहने लगी कि ये सब केजरीवाल का किया धरा है. इन महिलाओं को आप ने ही भेजा है.

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आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा के विंडसर प्लेस वाले घर पर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को 1,100-1,100 रुपये दिए गए हैं और उनकी मतदाता पहचान-पत्र की जानकारी भी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मांग करती हूं कि उस बंगले पर छापेमारी करें, जहां करोड़ों रुपए रखे हुए हैं.

वहीं प्रवेश वर्मा ने आतिशी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सफाई दी कि उनके दिवंगत पिता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा द्वारा गठित गैर सरकारी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान' के एक अभियान के तहत यह धनराशि वितरित की गई है.

वर्मा ने कहा, ‘‘मैं महिलाओं का दर्द देख रहा हूं जो अरविंद केजरीवाल 11 साल तक नहीं देख पाए. वे परेशान थीं... मैंने तय किया कि हम उन्हें 1100 रुपये प्रति माह देंगे. कम से कम मैं अरविंद केजरीवाल की तरह शराब तो नहीं बांट रहा हूं. मुझे खुशी है कि मैं लोगों की मदद कर रहा हूं.''

मामला धीरे-धीरे वोट के बदले नोट का बन गया है. कुछ समय पहले ही आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि सत्ता में वो फिर से आए तो महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये महीने देंगे, लेकिन इस पर सुबह अखबारों में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग का एक नोटिस दिखा जिसमें महिला सम्मान योजना को फर्जी बताया गया था. नोटिस छपते ही बीजेपी ने सवाल उठाए.

नोटिस सिर्फ महिला योजना को लेकर नहीं था, बल्कि हाल में जिस संजीवनी योजना का ऐलान केजरीवाल ने किया था उसे भी फर्जी बताया गया था.

महिला सम्मान और संजीवनी योजना पर उठे सवालों के बीच आम आदमी पार्टी ने बीजेपी नेता पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगाकर दिल्ली की राजनीति को और गरमा दिया है.

इधर क्रिसमस के दिन चुनावी तोहफों को लेकर जारी घमासान के बीच आम आदमी पार्टी ने सैंटा की एंट्री भी करा दी.

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी सरकार पर शराब घोटाला, क्लास रूम घोटाला, मोहल्ला क्लिनिक घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, वक्फ बोर्ड घोटाला, डीटीसी घोटाला, श्रमिक सहायता घोटाला, हवाला घोटाला और विज्ञापन घोटाला जैसे कई आरोप लगाए.

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वहीं अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर उन्हें काम नहीं करने देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था को एलजी ने बर्बाद कर दिया. केजरीवाल का ये भी कहना है कि उनको भले जेल में भेज दें, लेकिन वो लोगों से किए गए वादे पूरा करते रहेंगे.

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उधर, बीजेपी और आम आदमी पार्टी की खींचतान में कांग्रेस ने भी एंट्री मारी और दिल्ली में AAP की सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया. कांग्रेस का आरोप है कि गरीबों को मकान देने की जगह बेघर कर दिया गया. दिल्ली में 30% डॉक्टरों की कमी है. स्कूलों में EWS की 56 हजार सीटें खाली हैं. दिल्ली में बिजली सबसे महंगी है. घरों में गंदा पानी आ रहा है. जन लोकपाल के वादे का क्या हुआ, साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 500 करोड़ सरकारी विज्ञापन पर खर्च होते हैं.

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कांग्रेस अब कह रही है कि पिछले लोकसभा चुनाव में आप के साथ जाना गलती थी, लेकिन हमला बीजेपी पर भी किया.

दिल्ली के लिए तमाम सियासी पैंतरे इसी बात पर आधारित हैं कि अबकी बार आम आदमी पार्टी शानदार विजय की हैट्रिक लगा पाती है या नहीं. दिल्ली की 70 विधानसभा सीट पर अगले साल फरवरी में चुनाव कराए जाएंगे.

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