Delhi CM : दिल्ली चुनाव के परिणाम अब लगभग स्पष्ट तस्वीर पेश करने लगे हैं. ऐसे में अब यह सवाल फिजाओं में तैरने लगा है कि आखिर दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा? क्या बीजेपी किसी महिला को दिल्ली की कमान सौंप सकती है या फिर जाट-गुर्जर-पंजाबी या पूर्वांचली समुदाय से किसी नेता का चयन मुख्यमंत्री पद के लिए होगा?
हालांकि, ध्यान से देखें तो भाजपा में अब ये सारी बातें विधायक दल की बैठक में ही तय होगी. लेकिन, इससे पहले यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर पार्टी ऊपर के विकल्पों पर ध्यान दे तो उनके पास चेहरे के रूप में कौन-कौन से नेता हैं. दरअसल, भाजपा के तेजतर्रार और धाकड़ गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता रमेश बिधूड़ी जो पहले आगे चल रहे थे, वह दिल्ली की सीएम आतिशी से बहुत कम अंतर से हार गए.
प्रवेश वर्मा की दावेदारी मजबूत
दूसरी तरफ बात करें प्रवेश वर्मा की तो उन्होंने आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर शिकस्त देकर सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है. वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के सुपुत्र हैं और राजनीति में उनका रिकॉर्ड अव्वल रहा है. इसके साथ ही वह जाट कम्युनिटी से भी आते हैं. बीजेपी अगर उनको मुख्यमंत्री पद के लिए चुनती है तो दिल्ली ही नहीं यूपी-हरियाणा और राजस्थान तीनों ही राज्यों में उसको इसका फायदा मिल सकता है.
Delhi Election Results : वीरेंद्र सचदेवा के नाम पर भी चर्चा!
वहीं, भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की बात करें तो वह पंजाबी लॉबी का प्रतिनिधित्व करते हैं. दिल्ली में पंजाबी वोटर्स बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में बिना पंजाबियों को साधे दिल्ली की सत्ता को संभालना मुश्किल है. ऐसे में भाजपा उनके नाम पर भी विचार कर सकती है.
मनोज तिवारी का भी नाम आगे!
दिल्ली में पूर्वांचली समाज के सामने सबसे बेहतर चेहरे के तौर पर माने वाले सांसद मनोज तिवारी भी इस रेस में आगे हो सकते हैं. वह कई मौकों पर दिल्ली के सबसे बड़े नेता के रूप में भी अपने आपको पेश करते रहे हैं.
दिल्ली में डिप्टी सीएम की भी बात!
लेकिन, भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि वह इन चारों समुदाय में से किसी एक को यह जगह देकर बाकी तीन को नाराज नहीं करना चाहेगी, क्योंकि जिस समुदाय से सीएम बनेगा उसके बाद बाकी के समुदाय यह सोचने लगेंगे कि दिल्ली में उनकी वैल्यू कम आंकी गई है. ऐसे में इन समुदायों से डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी तो दी जा सकती है.
CM की रेस में बांसुरी, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी का नाम!
ऐसे में विचार के लायक सवाल यह है कि भाजपा के पास फिर विकल्प क्या है. राजनीति के जानकार मानते हैं कि भाजपा के पास तेजतर्रार महिला नेत्रियों की भरमार है, जिसमें बांसुरी स्वराज, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी का नाम शामिल है. ये तीनों महिला नेता सीएम पद के योग्य और जनता के बीच लोकप्रिय भी हैं. साथ ही महिला सीएम का चयन करने से इन पुरुष दावेदारों की तरफ से भी ज्यादा कुछ रिएक्शन नहीं आएगा.
वहीं, आम आदमी पार्टी ने महिला सीएम आतिशी को चुनकर जो छवि बनाई है, उसका काट भी भाजपा को मिल जाएगा. वहीं, महिलाएं जो बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी की सपोर्टर रही हैं, उनके काट के तौर पर भी भाजपा के लिए यह चयन फायदेमंद होगा.
विजेंद्र गुप्ता जो 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए दिया जलाए रखने में कामयाब हुए थे. साथ ही विधानसभा में लगातार कांग्रेस के लिए आवाज बुलंद करते रहे थे. ऐसे में उनका नाम भी पार्टी आगे बढ़ा सकती है. वह बनिया समुदाय से आते हैं और अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से आते हैं. भाजपा के लिए एक और चेहरा है जो सीएम पद के लिए परफेक्ट है. उनका नाम दुष्यंत गौतम है. भाजपा उन पर भी दाव लगा सकती है क्योंकि वह दलित समाज से आते हैं और पार्टी के पुराने समर्पित कार्यकर्ता हैं.
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