- दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है, कई इलाकों में एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया है
- सोमवार को दिल्ली के बवाना में सुबह छह बजे सबसे अधिक एक्यूआई स्तर 427 रिकॉर्ड किया गया
- दिल्ली में प्रदूषण मुख्य रूप से निर्माण कार्यों, धूल भरी सड़कों और यातायात से उत्पन्न पीएम10 उत्सर्जन के कारण
दिल्ली एनसीआर की हवा में घुला 'जहर' लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है. लाख कोशिशों के बावजूद प्रदूषण का स्तर दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी दिल्ली एनसीआर में स्मॉग की चादर नजर आ रही है, जिसमें सांस लेना मुश्किल हो रहा है. ग्रैप-3 लगाने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई है. दिल्ली में सोमवार को कई जगह एक्यूआई लेवल 400 के पार दर्ज किया गया है, जो प्रदूषण का गंभीर स्तर है. सोमवार को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' है और औसत एक्यूआई 360 है.

दिल्ली के बवाना में सोमवार की सुबह 6 बजे सबसे ज्यादा एक्यूआई लेवल 427 दर्ज किया गया है. इसके अलावा दिल्ली में एक 6 ऐसी जगह हैं, जहां एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया है. इनमें डीटीयू में 403, जहांगीर पुर में 407, नरेला में 406, रोहिणी में 404 और वजीरपुर में 401 एक्यूआई दर्ज किया गया है. इसके अलावा मुंडका में 396, नहेरु नगर में 389, सोनिया विहार में 380, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के पास 386 और द्वारका में 381 एक्यूआई लेवल दर्ज किया गया है. ऐसे में लोगों को गले में खराश, खांसी, सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रैप-3 भी बेअसर, क्यों बढ़ रहा प्रदूषण?
दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदियां भी बेअसर नजर आ रही हैं. प्रदूषण का जस का तस बना हुआ है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर दिल्ली में प्रदूषण कैसे कम होगा? दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों, धूल भरी सड़कों और यातायात की भीड़ से होने वाले पीएम10 उत्सर्जन के कारण बढ़ रहा है और सरकार हॉटस्पॉट की पहचान तेज कर रही है. शहर की सफाई व्यवस्था और सड़कों की स्थिति में 'काफी सुधार' की आवश्यकता है, तथा स्थानीय रखरखाव में खामियां वायु गुणवत्ता में गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. रविवार को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' रही और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 377 रहा.

हर साल प्रदूषण का यही हाल
दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ स्थिति बिगड़नी शुरू हो जाती है. बीते कई सालों से ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है. इस दौरान धूल धीरे-धीरे धुंध में बदल रही है. पर्यावरण मंत्री ने बताया कि स्वच्छ दिल्ली की लड़ाई 10 प्रमुख प्रदूषणकारी कारकों के खिलाफ है. पराली जलाने से भी इसमें इजाफा होता है, लेकिन बुवाई का मौसम शुरू होने के साथ ही इसका असर कम होने लगेगा. इस मौसम में पहली बार 11 नवंबर को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया, यह स्तर आखिरी बार दिसंबर 2024 में दर्ज किया गया था.

दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में नवंबर का सबसे ठंडा दिन
इधर दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है और यह शहर में पिछले तीन वर्षों में नवंबर का सबसे ठंडा दिन बन गया. मौसम विभाग ने बताया कि यह 29 नवंबर 2022 के बाद से महीने का सबसे ठंडा दिन था, जब दिल्ली में तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. वर्ष 2023 में 23 नवंबर को पारा सबसे कम 9.2 डिग्री तक गिर गया था और 2024 में 29 नवंबर को न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री दर्ज किया गया था जो सबसे ठंडा दिन था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को हल्का कोहरा छाए रहने तथा अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है.
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