Deeg-Kumher Election Results 2023: जानें, दीग-कुम्हेर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

दीग-कुम्हेर विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 236412 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 73730 ने कांग्रेस उम्मीदवार विश्वेंद्र सिंह को वोट देकर जिताया था, जबकि 65512 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह 8218 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Deeg-Kumher Election Results 2023: जानें, दीग-कुम्हेर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के पूर्व क्षेत्र में मौजूद है भरतपुर जिला, जहां बसा है दीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 236412 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विश्वेंद्र सिंह को 73730 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह को 65512 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 8218 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में दीग-कुम्हेर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विश्वेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 71407 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार दिंगबर सिंह को 60245 वोट मिल पाए थे, और वह 11162 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में दीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार दिगंबर सिंह को कुल 52669 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेंद्र सिंह दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 49145 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 3524 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.