नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के बासागुड़ा में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को लेकर उठा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के दो अहम मंत्रियों में मतभेद बरक़रार हैं। जनजातीय मामलों के मंत्री किशोरचंद्र देव अपनी बात पर कायम हैं। उनका मानना है कि जून के आख़िरी हफ़्ते में बासुगुडा में हुआ एनकाउंटर गलत था और इसमें ज़्यादातर बेहुनाह मारे गए। उनके मुताबिक इस इनकाउंटर को लेकर जो सवाल उन्होंने उठाए हैं उनपर वह आज भी कायम हैं।'
इस मामले की न्यायिक जांच हो रही है। हालांकि इसके पहले ही गृह मंत्री पी चिदंबरम सीआरपीएफ़ की कार्रवाई का समर्थन कर चुके हैं।
अब भी वह इतना भर कह रहे हैं कि अगर कोई बेगुनाह मारा गया तो इसके लिए उन्हें खेद है। लेकिन किशोर चंद्र देव ने बुधवार को ही कहा कि मारे गए 19 लोगों में कम से कम 17 बेकसूर नागरिक मारे गए जो निहत्थे थे और सिर्फ धोती−बनियान में थे। गुरुवार को भी किशोरचंद्र देव ने माना कि इनकाउंटर को लेकर गृह मंत्री की सफाई से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'चिदंबरम पास जो तथ्य हैं उसके आधार पर उन्होंने बयान दिया… मेरे पास जो तथ्य थे उसके आधार पर मैंने अपनी बात कही…।'
तो अब सवाल यह है कि किसके तथ्य सही हैं− पी चिदंबरम के या किशोर चंद्र देव के। यह कहना मुश्किल है कि बासागुड़ा के जंगलों में एक आधी रात को हुए क़त्लेआम की सही तस्वीर कभी सामने आ भी पाएगी या नहीं…।
इस मुद्दे पर दो अहम मंत्रियों का टकराव दरअसल इस समस्या को लेकर दो नज़रियों के टकराव की तरफ भी इशारा करता है।
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के दो अहम मंत्रियों में मतभेद बरक़रार हैं। जनजातीय मामलों के मंत्री किशोरचंद्र देव अपनी बात पर कायम हैं। उनका मानना है कि जून के आख़िरी हफ़्ते में बासुगुडा में हुआ एनकाउंटर गलत था और इसमें ज़्यादातर बेहुनाह मारे गए। उनके मुताबिक इस इनकाउंटर को लेकर जो सवाल उन्होंने उठाए हैं उनपर वह आज भी कायम हैं।'
इस मामले की न्यायिक जांच हो रही है। हालांकि इसके पहले ही गृह मंत्री पी चिदंबरम सीआरपीएफ़ की कार्रवाई का समर्थन कर चुके हैं।
अब भी वह इतना भर कह रहे हैं कि अगर कोई बेगुनाह मारा गया तो इसके लिए उन्हें खेद है। लेकिन किशोर चंद्र देव ने बुधवार को ही कहा कि मारे गए 19 लोगों में कम से कम 17 बेकसूर नागरिक मारे गए जो निहत्थे थे और सिर्फ धोती−बनियान में थे। गुरुवार को भी किशोरचंद्र देव ने माना कि इनकाउंटर को लेकर गृह मंत्री की सफाई से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'चिदंबरम पास जो तथ्य हैं उसके आधार पर उन्होंने बयान दिया… मेरे पास जो तथ्य थे उसके आधार पर मैंने अपनी बात कही…।'
तो अब सवाल यह है कि किसके तथ्य सही हैं− पी चिदंबरम के या किशोर चंद्र देव के। यह कहना मुश्किल है कि बासागुड़ा के जंगलों में एक आधी रात को हुए क़त्लेआम की सही तस्वीर कभी सामने आ भी पाएगी या नहीं…।
इस मुद्दे पर दो अहम मंत्रियों का टकराव दरअसल इस समस्या को लेकर दो नज़रियों के टकराव की तरफ भी इशारा करता है।
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