दिल्ली के विश्वास नगर के पास कस्तूरबा नगर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है. डीडीए ने बुधवार को यहां कई मकानों को बुलडोजर से ढहा दिया. बताया जा रहा है कि ये मकान सरकारी जमीन पर बनाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने 22 मई को कस्बूरबा नगर में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की थी. इसी दौरान कई लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि 30 मई तक लोग अपने घरों को खुद खाली कर लें. डेडलाइन तक कोर्ट ने डीडीए को कोई एक्शन नहीं लेने को कहा था. बुधवार शाम तक चली कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक मकानों को ढहाया गया. अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया गुरुवार को भी चली.
इस पूरे मामले में NDTV ने बीजेपी विधायक और डीडीए के सदस्य ओपी शर्मा से बात की. ओपी शर्मा ने बताया, "रोड नंबर 57 से 58 को कनेक्ट करने वाले विश्वास नगर के कस्तूरबा नगर पड़ता है. इसे तारकोल की सड़क के ऊपर कुछ लोगों ने अवैध अतिक्रमण करके उसमें अवरोध पैदा किया है. इससे लोगों को असुविधा होती है. अतिक्रमण की वजह से लाखों लीटर डीजल, लाखों लीटर पेट्रोल और लाखों लीटर मानव श्रम हर रोज खराब होते हैं. पिछले लंबे समय ने इस अतिक्रमण को हटाने के लिए डीडीए की तरफ से नोटिस दिया जा रहा था. नोटिस का पालन नहीं होने के कारण डीडीए अतिक्रमण हटा रही है."
जिन लोगों के मकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, उन्होंने मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत की है. इस सवाल पर ओपी शर्मा ने कहा, " ये सरकार का काम है. उसे देखना है कि किसे मुआवजा देना है या नहीं देना. ये एक लंबा विषय है. मेरी राय है तारकोल की सड़क पर जो लोग अतिक्रमण कर रहे हैं, अगर प्रशासन उन्हें मुआवजा देता है तो इससे अतिक्रमण को बढ़ावा मिलेगा. ऐसा मेरा मानना है."
क्षेत्रीय विधायक ओपी शर्मा ने कहा, "कस्तूरबा नगर में अवैध झुग्गियों के हटने से रोड नंबर 57 और 58 जुड़ सकेगा. इस रास्ते के खुलने से विवेक विहार, झिलमिल सहित आसपास के इलाकों से प्रतिदिन आने-जाने वाले हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
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