Dantewada Naxal attack: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बड़े गुडरा गांव में बुधवार को हुए नक्सली हमले के एक प्रत्यक्षदर्शी ड्राइवर ने बताया कि आखिर उस दिन क्या हुआ था. सुरक्षाबलों के काफिले के एक वाहन के ड्राइवर ने बताया कि कैसे उसकी जान इस हमले में बची. ड्राइवर के अनुसार अरनपुर से तीन गाड़ियां निकली थी. एक पिकअप, एक तूफान और एक स्कॉर्पियो... मेरी गाड़ी दूसरी नंबर पर चल रही थी. चांस मेरा ही थी. लेकिन गाड़ी स्लो होने के कारण पीछे वाली गाड़ी तूफान ने ओवरटेक कर लिया. मैं सामने देख ही रहा था कि गाड़ी हल्की सी उठी और धमाका हो गया.
ड्राइवर युवराज सिंह ने आगे बताया कि मेरी गाड़ी के नीचे लकड़ी फंसी हुई थी. उसको निकालने के चक्कर में थोड़ा सा टाइम लग गया, उसको निकाला और फिर आगे बढ़ा. लेकिन तूफान गाड़ी ने तुरंत ओवरटेक कर लिया और आगे जाकर ब्लास्ट हो गया. धमाके के बाद फायरिंग भी हुई. दोनों तरफ से फायरिंग की गई. मेरी गाड़ी में कुल आठ लोग (सुरक्षाकर्मी) थे.
ड्राइवर युवराज सिंह ने कहा कि ब्लास्ट के बाद कुछ समझ नहीं आया.. फिर सुरक्षाकर्मी मेरी गाड़ी से उतरे और उन्होंने फायरिंग की. सुरक्षाकर्मी ने मुझे अरनपुर लौटने के लिए कहा और हमले की जानकारी पुलिस को देने को कहा.
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बता दें नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवान शहीद हुए हैं तथा एक वाहन चालक की भी मृत्यु हई हैं. राज्य में पिछले दो वर्षों के दौरान सुरक्षाबलों पर माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला है.
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