सभी जानते हैं कि राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी को बहुत प्यार करते हैं. आज राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के बारे में एक बहुत ही भाव-विभोर करने वाला ट्वीट किया है. अपनी मां को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''मां, एक बार दादी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने मुझसे कहा था कि सोनिया गांधी मेरी वह बेटी है, जिसकी मेरे पास कमी थी. कितना सही थीं वह. मैं आपका बेटा होने पर सचमुच गर्व महसूस करता हूं.''
Ma, Dadi once told me you were the daughter she never had.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 26, 2022
How right she was.
I'm really proud to be your son. pic.twitter.com/RzTQsvKlKH
राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की है. इसमें सोनिया गांधी के साथ उनके पिता राजीव गांधी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 1991 में एक चुनाव अभियान के दौरान आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE)ने की थी.
राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुधवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''मैं जानती हूं कि यह सब आपने प्यार के लिए किया है.'' आपको बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे ने कल कांग्रेस अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला. 24 वर्षों बाद कोई गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बना है. इस अवसर पर सोनिया गांधी ने कहा, मैंने अपनी पूरी क्षमता से अपना कर्तव्य निभाया. आज मैं इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी. मेरे कंधे से एक भार उतर गया है. मुझे राहत की अनुभूति हो रही है.
आपको बता दें कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे ने शशि थरूर को इस चुनाव में हराया है. खरगे को 7897 वोट मिले, जबकि थरूर को 1072 मत प्राप्त हुए. मल्लिकार्जुन खरगे का अपना एक लंबा करियर रहा है. मजदूर नेता के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. इंदिरा गांधी के समय से वो राजनीति कर रहे हैं, कर्नाटक में 9 बार के विधायक रह चुके हैं. विधायक का चुनाव वो कभी नहीं हारे. दो बार लोकसभा के सांसद रहे, श्रम मंत्री रहे, रेल मंत्री भी रहे. फिर लोकसभा में कांग्रेस के नेता भी रहे. अभी मौजूदा समय में राज्यसभा के सांसद हैं.
थोड़ा कांग्रेस के इतिहास में चलते हैं, 37 साल पुरानी पार्टी है लेकिन ये कांग्रेस में सिर्फ छठा चुनाव है. इससे पहले 1939, 1950, 1977, 1997, 2000 और अब 2022 में चुनाव हुए. मल्लिकार्जुन खरगे के पास 53 साल का लंबा राजनीतिक अनुभव है. 24 साल के बाद कोई गैर गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा है. इससे पहले सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. यहीं नहीं खरगे दलित समुदाय से आते हैं और जगजीवन राम, जो 1970 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे, उनके बाद दूसरे दलित नेता हैं, जो इतने लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे.
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