
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अहमदाबाद की विशेष अदालत में जासिम शाहनवाज़ अंसारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
- आरोपी ने मार्च से मई 2025 के बीच भारत सरकार की कई वेबसाइटों पर डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस अटैक किए थे.
- जांच में पता चला कि आरोपी ने एडवांस हैकिंग टूल्स, VPN और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म का उपयोग किया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अहमदाबाद की विशेष NIA अदालत में जासिम शाहनवाज़ अंसारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. मामला साइबर टेररिज़्म से जुड़ा है, जिसमें सरकारी ढांचे की अहम वेबसाइटों पर डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) अटैक किए गए थे.
यह केस शुरू में गुजरात ATS ने दर्ज किया था, जब एक जुवेनाइल (नाबालिग आरोपी) और जासिम के बीच साजिश का खुलासा हुआ. आरोप है कि दोनों ने मार्च से मई 2025 के बीच भारत सरकार और राज्य सरकार की कई वेबसाइटों पर डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक किए. इतना ही नहीं, आरोपी ने एक टेलीग्राम चैनल पर देशविरोधी सामग्री भी पोस्ट की. बाद में गृह मंत्रालय के आदेश पर यह मामला NIA अहमदाबाद ने अपने हाथ में लिया.
NIA की जांच में सामने आया कि आरोपी और नाबालिग ने एडवांस हैकिंग टूल्स, VPN और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर हमले किए. हमलों के बाद आरोपी ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट और भड़काऊ संदेश साझा किए, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में थे. इनका मकसद देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को धमकाना था.
डिजिटल फॉरेंसिक जांच में यह भी साबित हुआ कि आरोपी न केवल इन साइबर हमलों के पीछे था, बल्कि वह दूसरों को भी गैरकानूनी साइबर तकनीक सिखाता था और पहचान छुपाने के तरीके बताता था, ताकि कानून से बच सके.
NIA ने अब जुवेनाइल के खिलाफ नडियाद, गुजरात की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रही कार्यवाही के साथ-साथ जासिम शाहनवाज़ अंसारी के खिलाफ आईटी एक्ट, 2000 की धारा 66F और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2)(a) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.
NIA का कहना है कि वह देश के डिजिटल ढांचे की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है.
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