कोरोना वारयस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ जंग में कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) निर्णायक भूमिका निभा रही है. भारत के दवा नियामक (DCGI) ने कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को बाजार में बिक्री के लिए मंजूरी दे दी है. इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना के टीके जल्द ही दुकानों पर उपलब्ध होंगे, हालांकि,वैक्सीन को अस्पताल और क्लीनिकों से खरीद कर वहीं लगवा सकेंगे. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक, ये दोनो वैक्सीन दुकानों पर नहीं मिलेगी. प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक ही टीके खरीद सकेंगे तथा वहीं इन्हें लगाया जाएगा.
नये औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के तहत यह मंजूरी दी गई है. शर्तों के तहत, फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा प्रस्तुत करना होगा. टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी.
एमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन में 15 दिन में सेफ्टी डाटा डीसीजीआई को देना होता है. अब कंडीशनल मार्केट अप्रूअव में 6 महीने या ज्यादा वक्त में डाटा नियामक को सबमिट करना होगा. साथ ही, कोविन (Co-Win) पर इसकी जानकारी भी देनी होगी. इससे पहले, अमेरिका में फाइजर (pfizer) और ब्रिटेन में एस्ट्रेजनेका को कंडीशनल मार्केट अप्रूवल दिया गया है.
The @CDSCO_INDIA_INF has now upgraded the permission for COVAXIN and Covishield from restricted use in emergency situations to normal new drug permission in the adult population with certain conditions.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) January 27, 2022
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की सिफारिश की थी. इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी दी.
एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था. इस पर डीसीजीआई ने कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था.
उन्होंने कहा था, ‘‘कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है.'
डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी. कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी.
मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती स्वीकार की थी.
कोवैक्सीन और कोविशील्ड को तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया गया था.
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