Booster Dose : कोरोना की बूस्टर डोज अब 9 महीने की बजाय 6 माह में ही लगवाई जा सकेगी. सरकार ने इसकी अवधि घटा दी है. डबल वैक्सीनेशन के बाद प्रीकॉशन या बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है. डबल वैक्सीनेशन के बाद प्रीकॉशन या बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है. लिहाजा 18 से 59 साल के लाभार्थी किसी भी प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर्स पर प्रिकॉशन या बूस्टर डोज जाकर लगवा सकते हैं. जबकि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स डबल वैक्सीनेशन के 6 माह बाद किसी भी सरकारी टीकाकरण केंद्र में जाकर वैक्सीन ले सकते हैं. उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. इसको लेकर सभी संबंधित राज्यों और टीकाकरण केंद्रों को समुचित दिशानिर्देश भेजदिया गया है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से इस बाबत पत्र सभी राज्यों औऱ केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा गयाहै.
बूस्टर डोज को लेकर लोगों में क्यों नहीं दिख रहा उत्साह? अदार पूनावाला ने बताई वजह
बता दें कि बीते दिनों एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ था कि भारत में कोविड वैक्सीन की बूस्टर खुराक (Booster Dose) लेने वालों में से 70 प्रतिशत लोग महामारी की तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित नहीं हुए. यह बात एक अध्ययन में कही गई थी. इस अध्ययन में लगभग छह हजार लोगों को शामिल किया गया था. कोरोना वायरस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में कहा गया था कि टीकाकरण कराने वाले लेकिन बूस्टर खुराक नहीं लेने वाले 45 प्रतिशत लोग तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए. सर्वेक्षण में टीकाकरण करा चुके 5,971 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से 24 प्रतिशत लोग 40 साल से कम आयु वर्ग के थे और 50 प्रतिशत लोग 40-59 आयु वर्ग के थे. अध्ययन में शामिल लोगों में 45 फीसदी महिलाएं थीं, जबकि 53 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी थे.
Explainer : Covid-19 बूस्टर खुराक के लिए भविष्य में क्या ‘नए फॉर्मूला' की जरूरत होगी?
अध्ययन में शामिल 5,971 लोगों में से 2,383 ने बूस्टर खुराक ली थी और उनमें से 30 प्रतिशत को तीसरी लहर के दौरान कोविड हुआ. अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी निष्कर्ष निकाला था कि दूसरी खुराक के बाद एक लंबा अंतराल तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की उच्च संभावना से जुड़ा था. अध्ययन में कहा गया था कि इसके अलावा, 'छह महीने के अंतराल से पहले तीसरी खुराक देने से संक्रमण दर में कोई फर्क नहीं पड़ा.'
दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान : कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज सरकारी केंद्रो पर मुफ्त लगेगी
इस अध्ययन में यह भी कहा गया था कि तीसरी लहर ने 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया और उनमें से लगभग 45 प्रतिशत इस बीमारी की चपेट में आए. अध्ययन के अनुसार, तीसरी लहर के दौरान 40-59 आयु वर्ग में लगभग 39.6 प्रतिशत और 60-79 आयु वर्ग में लगभग 31.8 प्रतिशत लोग कोविड से पीड़ित हुए, जबकि 80 साल से ऊपर के 21.2 फीसदी लोग ही संक्रमित हुए. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों में तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की दर समान थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं