कर्नाटक के मंगलुरु स्थित दक्षिण कन्नड़ा जिला के मलाली मस्जिद मामले को निचली अदालत ने सुनवाई योग्य माना है. इस मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों ने आशंका जताई थी कि मस्जिद की जगह पहले मंदिर था. हिन्दू संगठनों ने कोर्ट से ज्ञानवापी की तर्ज पर सर्वे की मांग की थी. इस पर कोर्ट ने आज कहा कि सिविल कोर्ट में मामला चलाया जा सकता है.
मस्जिट कमेटी ने मांग की थी कि वक्फ के मामलों से जुड़ी अदालत में ही इस मामले पर सुनवाई हो.
यह मस्जिद करीब 400 साल पुरानी है, जिसे हिंदू पक्ष बता रहे हैं कि वहां पहले मंदिर था. इस साल अप्रैल महीने में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया था, जब मस्जिद के रेनोवेशन के लिए वहां तोड़फोड़ की गई. इस दौरान मस्जिद के अंदर एक जगह अलग बनावट मिली थी.
ऐसे में विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिन्दू संगठनों ने आशंका जताई कि वहां मंदिर है. वीएचपी (VHP) के वरिष्ठ नेता शरण पोमवेल के मुताबिक "जुमा मस्जिद में मंदिर जैसी आकृति वाला खंभा मिला था." इसके बाद हिन्दू संगठनों ने अदालत का रास्ता पकड़ा.
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