विज्ञापन
This Article is From Mar 31, 2020

निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...

राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए.

निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तबलीगी जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि तब्लीग-ए-जमात 100 साल से पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है. यहां देश-विदेश से लोग लगातार सालों भर आते रहते है. ये सिलसिला लगातार चलता है जिसमें लोग दो दिन, पांच दिन या 40 दिन के लिए आते हैं. लोग मरकज में ही रहते हैं और यहीं से तबलीगी का काम करते है.

बयान में कहा गया है कि जब भारत में जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे. 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया. उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया. बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया. जो लोग मरकज में रह रहे थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा. 21 मार्च से ही रेल सेवाएं बन्द होने लगी थी, इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था. फिर भी दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को घर भेजा गया. अब करीब 1000 लोग मरकज में बच गए थे.

उन्होंने बताया कि जनता कर्फ्यू के साथ-साथ 22 मार्च से 31 मार्च तक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन का ऐलान किया. इस वजह से बस या निजी वाहन भी मिलने बंद हो गए. लोगों को उनके घर भेजना मुश्किल हो गया. ये लोग पूरे देश से आए हुए थे. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आदेश मानते हुए लोगों को बाहर भेजना सही नहीं समझा. उनको मरकज में ही रखना बेहतर था. 24 मार्च को अचानक SHO निज़ामुद्दीन ने हमें नोटिस भेजा की हम धारा 144 का उल्लंघन कर रहे हैं. हमने उसी दिन उनको जवाब दिया कि मरकज को बन्द कर दिया गया है. 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया गया है. अब 1000 बच गए हैं जिनको भेजना मुश्किल है, क्योंकि ये दूसरे राज्यों से आए हैं. हमने ये भी बताया कि हमारे यहां विदेशी नागरिक भी हैं.

हमने SDM को अर्जी देकर 17 गाड़ियों के लिए कर्फ्यू पास मांगा. ताकि लोगों को घर भेजा जा सके. हमे अभी तक को पास जारी नहीं हुई है. 25 मार्च को तहसीलदार और एक मेडिकल कि टीम आई. उन्होंने लोगों कि जांच की. 26 मार्च को हमें SDM के ऑफिस में बुलाया गया और DM से भी मुलाकात कराया गया. हमने फंसे हुए लोगों की जानकारी दी और कर्फ्यू पास मांगा. 27 मार्च को 6 लोगों की तबीयत खराब होने की वजह से मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. 28 मार्च को SDM और WHO की टीम 33 लोगों को जांच के लिए ले गई, जिन्हें राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में रखा गया.

28 मार्च को ACP लाजपत नगर के पास से नोटिस आया कि हम गाइडलाइंस और कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. हमने इसका पूरा जवाब दूसरे ही दिन भेज दिया. 30 मार्च को अचानक ये खबर सोशल मीडिया में फैल गई की कोराना के मरीजों की मरकज में रखा गया है और टीम वहां रेड कर रही है. मुख्यमंत्री ने भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए. अगर उनको हकीकत मालूम होती तो वह ऐसा नहीं करते. हमने लगातार पुलिस और अधिकारियों को जानकारी दी के हमारे यहां लोग रुके हुए हैं. वह लोग पहले से यहां आए हुए थे. उन्हें अचानक इस बीमारी की जानकारी मिली. हमने किसी को भी बस अड्डा या सड़कों पर घूमने नहीं दिया और मरकज में बन्द रखा जैसा के प्रधानमंत्री का आदेश था. हमने ज़िम्मेदारी से काम किया.

बता दें, इस अवधि के बाद भी 1,400 लोग यहां रुके हुए थे. कोरोनावायरस के चलते मरकज से अब तक कुल 860 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया जा चुका है. वहीं अभी 300 और लोगों को निकाल कर अस्पताल ले जाया जा रहा है. इन्हीं में से मरकज में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना में कोरोनावायरस से मौत हो गई. उधर, अंडमान में 10 लोगों की रिपोर्ट में कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. इन 10 में 9 लोग वह हैं जो दिल्ली कि मरकज में शामिल हुए थे. 10वीं संक्रमित महिला भी इन्हीं में से एक पत्नी है जो दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल हुए थे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com