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Tabligh E Jamaat

'Tabligh E Jamaat' - 4 News Result(s)
  • उत्तर प्रदेश : अलग वार्ड में रखे तबलीगी जमात के सदस्यों ने अंडा करी और बिरयानी के लिए काटा हंगामा

    उत्तर प्रदेश : अलग वार्ड में रखे तबलीगी जमात के सदस्यों ने अंडा करी और बिरयानी के लिए काटा हंगामा

    दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में उत्तर प्रदेश के बिजनौर के जिला अस्पताल के पृथक वार्ड में रखे गए इंडोनेशिया के आठ नागरिकों सहित 13 लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया और अंडे एवं बिरयानी की फरमाइश की.

  • कौन है 'घोर अपराधी': अगर तबलीगी जमात ने मांगा था 17 गाड़ियों का कर्फ्यू पास, तो किसने नहीं सुनी बात

    कौन है 'घोर अपराधी': अगर तबलीगी जमात ने मांगा था 17 गाड़ियों का कर्फ्यू पास, तो किसने नहीं सुनी बात

    दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठा भीड़ में से कोरोनावायरस के 24 मरीज पाए गए हैं और वहीं इस जमात में शामिल होने 7 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें से 6 तेलंगाना और 1 श्रीनगर का शख्स है. लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए बरती जा रही सतर्कता के बीच देश की राजधानी दिल्ली में ही इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है. लेकिन इससे पहले कोई आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होता कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन ने ही आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'घोर अपराध किया है'. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यहां से निकाले गए लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को आइसोलेशन सेंटर बनाने से इनकार कर दिया है. 

  • निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...

    निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...

    राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तब्लीग-ए-जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि तब्लीग-ए-जमात 100 साल से पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है.

  • लॉकडाउन के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में भीड़ : 7 की मौत, इन 6 सवालों के जवाब कौन देगा?

    लॉकडाउन के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में भीड़ : 7 की मौत, इन 6 सवालों के जवाब कौन देगा?

    कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात में आए लोगों में से 24 में कोरोनावायरस का संक्रमण पाया गया है. इसके अलावा तेलंगाना से आए 6 और एक श्रीनगर के मौलवी की मौत हो चुकी है. वहीं इस मामले में सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. जब दिल्ली में सबसे पहले (22 मार्च से )लॉकडाउन लागू हो गया था, तो इतने दिन तक यहां इकट्ठा हुए लोगों पर आखिर किसी की नजर क्यों नहीं गई. वहीं मामला बढ़ता देख दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जमात का कार्यक्रम करने वालों ने घोर अपराध किया है. लेकिन तबलीगी जमात की ओर से भी इस पर एक बयान जारी किया गया है. जिसमें उसकी ओर से कहा गया है कि उन लोगों ने प्रशासन को पूरी जानकारी दी थी और यहां से लोगों को निकालने के लिए भी मदद मांगी गई थी. अब सच क्या है ये तो पूरी जांच के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन इस लापरवाही कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है इस बात की अब आशंका जताई जा रही है. वहीं कुछ सवाल भी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर उठ रहे हैं.

'Tabligh E Jamaat' - 4 News Result(s)
  • उत्तर प्रदेश : अलग वार्ड में रखे तबलीगी जमात के सदस्यों ने अंडा करी और बिरयानी के लिए काटा हंगामा

    उत्तर प्रदेश : अलग वार्ड में रखे तबलीगी जमात के सदस्यों ने अंडा करी और बिरयानी के लिए काटा हंगामा

    दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में उत्तर प्रदेश के बिजनौर के जिला अस्पताल के पृथक वार्ड में रखे गए इंडोनेशिया के आठ नागरिकों सहित 13 लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया और अंडे एवं बिरयानी की फरमाइश की.

  • कौन है 'घोर अपराधी': अगर तबलीगी जमात ने मांगा था 17 गाड़ियों का कर्फ्यू पास, तो किसने नहीं सुनी बात

    कौन है 'घोर अपराधी': अगर तबलीगी जमात ने मांगा था 17 गाड़ियों का कर्फ्यू पास, तो किसने नहीं सुनी बात

    दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठा भीड़ में से कोरोनावायरस के 24 मरीज पाए गए हैं और वहीं इस जमात में शामिल होने 7 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें से 6 तेलंगाना और 1 श्रीनगर का शख्स है. लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए बरती जा रही सतर्कता के बीच देश की राजधानी दिल्ली में ही इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है. लेकिन इससे पहले कोई आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होता कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन ने ही आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'घोर अपराध किया है'. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यहां से निकाले गए लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को आइसोलेशन सेंटर बनाने से इनकार कर दिया है. 

  • निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...

    निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...

    राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तब्लीग-ए-जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि तब्लीग-ए-जमात 100 साल से पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है.

  • लॉकडाउन के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में भीड़ : 7 की मौत, इन 6 सवालों के जवाब कौन देगा?

    लॉकडाउन के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में भीड़ : 7 की मौत, इन 6 सवालों के जवाब कौन देगा?

    कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात में आए लोगों में से 24 में कोरोनावायरस का संक्रमण पाया गया है. इसके अलावा तेलंगाना से आए 6 और एक श्रीनगर के मौलवी की मौत हो चुकी है. वहीं इस मामले में सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. जब दिल्ली में सबसे पहले (22 मार्च से )लॉकडाउन लागू हो गया था, तो इतने दिन तक यहां इकट्ठा हुए लोगों पर आखिर किसी की नजर क्यों नहीं गई. वहीं मामला बढ़ता देख दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जमात का कार्यक्रम करने वालों ने घोर अपराध किया है. लेकिन तबलीगी जमात की ओर से भी इस पर एक बयान जारी किया गया है. जिसमें उसकी ओर से कहा गया है कि उन लोगों ने प्रशासन को पूरी जानकारी दी थी और यहां से लोगों को निकालने के लिए भी मदद मांगी गई थी. अब सच क्या है ये तो पूरी जांच के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन इस लापरवाही कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है इस बात की अब आशंका जताई जा रही है. वहीं कुछ सवाल भी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर उठ रहे हैं.