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उत्तर प्रदेश : अलग वार्ड में रखे तबलीगी जमात के सदस्यों ने अंडा करी और बिरयानी के लिए काटा हंगामा
- Saturday April 4, 2020
- Bhasha
दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में उत्तर प्रदेश के बिजनौर के जिला अस्पताल के पृथक वार्ड में रखे गए इंडोनेशिया के आठ नागरिकों सहित 13 लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया और अंडे एवं बिरयानी की फरमाइश की.
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कौन है 'घोर अपराधी': अगर तबलीगी जमात ने मांगा था 17 गाड़ियों का कर्फ्यू पास, तो किसने नहीं सुनी बात
- Tuesday March 31, 2020
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठा भीड़ में से कोरोनावायरस के 24 मरीज पाए गए हैं और वहीं इस जमात में शामिल होने 7 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें से 6 तेलंगाना और 1 श्रीनगर का शख्स है. लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए बरती जा रही सतर्कता के बीच देश की राजधानी दिल्ली में ही इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है. लेकिन इससे पहले कोई आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होता कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन ने ही आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'घोर अपराध किया है'. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यहां से निकाले गए लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को आइसोलेशन सेंटर बनाने से इनकार कर दिया है.
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निजामुद्दीन मरकज में 2000 से ज्यादा लोगों के रुकने पर आया तबलीगी जमात का बयान, बोले- CM को हकीकत मालूम होती तो...
- Tuesday March 31, 2020
राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तब्लीग-ए-जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि तब्लीग-ए-जमात 100 साल से पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है.
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लॉकडाउन के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में भीड़ : 7 की मौत, इन 6 सवालों के जवाब कौन देगा?
- Tuesday March 31, 2020
कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात में आए लोगों में से 24 में कोरोनावायरस का संक्रमण पाया गया है. इसके अलावा तेलंगाना से आए 6 और एक श्रीनगर के मौलवी की मौत हो चुकी है. वहीं इस मामले में सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. जब दिल्ली में सबसे पहले (22 मार्च से )लॉकडाउन लागू हो गया था, तो इतने दिन तक यहां इकट्ठा हुए लोगों पर आखिर किसी की नजर क्यों नहीं गई. वहीं मामला बढ़ता देख दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जमात का कार्यक्रम करने वालों ने घोर अपराध किया है. लेकिन तबलीगी जमात की ओर से भी इस पर एक बयान जारी किया गया है. जिसमें उसकी ओर से कहा गया है कि उन लोगों ने प्रशासन को पूरी जानकारी दी थी और यहां से लोगों को निकालने के लिए भी मदद मांगी गई थी. अब सच क्या है ये तो पूरी जांच के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन इस लापरवाही कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है इस बात की अब आशंका जताई जा रही है. वहीं कुछ सवाल भी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर उठ रहे हैं.
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