वाराणसी में कोरोना का कहर जारी है. मरीजों की संख्या रुकने का नाम नहीं ले रही है. इसके साथ ही L3 के अस्पताल बीएचयू से इलाज में लापरवाही की खबरें भी आ रही हैं. ताज़ा मामला एक वरिष्ठ पत्रकार की मौत से जुड़ा है. कोरोना से हुई इस मौत के बाद मीडियार्मियों में दुखी हैं और उनका कहना है कि यहां भी इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है. हिंदी अखबार में काम करने वाले पत्रकार राकेश चतुर्वेदी का कोरोना की वजह से बीती रात मौत हो गई है. पत्रकार विक्रांत दुबे ने का कहना है कि राकेश को सांस लेने में तकलीफ थी उनके परिवार ने काफी मशक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया पाया था.
राकेश चतुर्वेदी का इलाज कोविड के L3 अस्पताल बीएचयू में हो रहा था जहां इलाज में लापरवाही की खबरे पहले भी आती रही हैं. यहीं पर भर्ती मरीज अजय शुक्ला का एक वीडियो वायरल हुआ था. एक और पीड़ित एक थ्री स्टार होटल के एजीएम आनंद पांडेय ने अपने फेसबुक वॉल पर वहां की दुर्दशा को साझा किया और जब तक इस पर कोई कदम उठता दूसरे दिन उनकी मौत की खबर गई. उनकी बेटी मीनाक्षी मिश्रा ने बताया, ' उन्होंने (आनंद पांडेय) ने हमें फोन किया कि 'ब्रीथ लेबल' डाउन हो रहा है फिर हमने उनको समझाया कि थोड़ा रिलेक्स करो.... फिर उनका तीन बजे फोन आया उनकी ब्रीथिंग बढ़ती जा रही है फिर उन्होंने कहा कि मैं ये कह रहा हूं कि किसी को बुला दो लेकिन कोई भी सुनाने वाला नहीं था किसी ने भी डाक्टर को नहीं बुलाया और छङ बजे फिर उन्होंने आखिरी फोन करके कहा कि अब मैं नहीं बचूंगा...
कोविड के L3 अस्पताल बीएचयू में बीते 10 दिन का आंकड़ा देखे तो कोरोना की वजह से अब तक 11 मौतें हो चुकी हैं जबकि वाराणसी में कुल 75 मौते हुई हैं इनमे भी ज़्यादातर बीएचयू में ही हुई हैं. लेकिन बीएचयू के कुलपति कहते हैं कि यहां कोई लापरवाही नहीं हो रही है और इलाज की पूरी व्यवस्था है.
कुलपति प्रोफ़ेसर राकेश भटनागर ने दावा करते हुए कहा, 'बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी एक एल-3 हॉस्पिटल है जिसको हमारा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज चलाता है हमारी पूरी कोशिश होती है कि यहां भर्ती हुए मरीजों को पूरी सुविधाएं दें और इसके लिए हमारे मेडिकल सुपरिटेंडेंट, नोडल आफिसर सारे लोग लगे रहते हैं. सभी डॉक्टर,रेजिडेंट हर समय काम करते हैं और हम खुद एन्स्योर करते हैं कि सबसे अच्छी सुविधाएं हम दे सकें जिससे वो ठीक हो कर जा सकें'
आपको बता दें कि वाराणसी में अब तक 3924 कोरोना के मरीज सामे आ चुके हैं. जिनमें 2068 मरीज़ ठीक हुए और अभी 1781 मरीज एक्टिव हैं. इनमे गंभीर मरीज़ का इलाज़ बीएचयू के अस्पताल में होता है और वहीँ से लापरवाही की ज़्यादा खबरे भी आ रहीं हैं.
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