सरकारी सूत्रों ने आज कहा कि इस साल तीसरी बार कोविशील्ड के लिए 84 दिनों की खुराक के अंतर की समीक्षा की जा रही है और इसे कम किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा, "कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को कम करने पर विचार किया जा रहा है और एनटीएजीआई (प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) में इस पर आगे चर्चा की जाएगी."
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका शॉट के भारतीय संस्करण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड के लिए अनुशंसित खुराक का अंतर जनवरी में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण शुरू होने पर चार से छह सप्ताह का था. बाद में इसे बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह कर दिया गया.
अभी भी हम कोरोना की दूसरी लहर के बीच, त्योहारों में सतर्क रहने की जरूरत : केंद्र सरकार
सरकार के निर्णय पर सवाल उठे
मई में, सरकार ने यूके के प्रमाण का हवाला देते हुए खुराक के अंतर को 12 से 16 सप्ताह तक संशोधित किया. जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के खुराक के अंतर में कोई बदलाव नहीं किया गया. सरकार के इस निर्णय पर सवाल भी उठे, कई लोगों ने इसे टीकों में भारी कमी से जोड़ा जब कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी. हालांकि, सरकारी पैनल ने कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि अंतराल जितना लंबा होगा, उतने ही अधिक एंटीबॉडी का उत्पादन किया होगा.
टीका बीमारी में सुधार के लिए.. रोकने के लिए नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अभी दूसरी लहर जारी है. आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि टीका बीमारी में सुधार लाने के लिए है न कि इसे रोकने के लिए, इसलिए टीकाकरण के बाद भी मास्क का प्रयोग जारी रखना बहुत जरूरी है. भूषण ने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 की दूसरी लहर अब भी जारी है. दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है और इसलिए हमें सभी एहतियात बरतने की जरूरत है, खासकर हर त्योहार के बाद संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए.'' उन्होंने कहा, ‘‘सितंबर और अक्टूबर के महीने हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि हम नए त्योहार मनाने जा रहे हैं. इसलिए कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाते हुए त्योहार मनाए जाने चाहिए.''
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