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This Article is From Apr 18, 2020

Coronavirus: असम में अगर सामान्य हुए हालात, तो राज्य में फंसे हुए लोगों को 1 दिन के लिए मिलेगी घर जाने की छूट

असम में 21 अप्रैल तक अगर हालात काबू में होते नजर आते हैं, तो 'वन डे-वन टाइम' प्लान के तहत फंसे हुए लोगों को घर जाने के लिए सफर करने दिया जाएगा.

Coronavirus: असम में अगर सामान्य हुए हालात, तो राज्य में फंसे हुए लोगों को 1 दिन के लिए मिलेगी घर जाने की छूट
असम में कोरोना के अब तक 34 मामले सामने आ चुके हैं. (फाइल फोटो)
गुवाहाटी:

असम में कोरोनावायरस (Coronavirus in Assam) के अब तक 34 मामले सामने आ चुके हैं. एक मरीज की मौत हुई है. अन्य राज्यों की तरह असम के अलग-अलग जिलों में भी लोग फंसे हुए हैं. उन लोगों के लिए अब एक राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने इस ओर इशारा किया है कि अगर सूबे में 21 अप्रैल तक हालात काबू में होते नजर आते हैं, तो 'वन डे-वन टाइम' प्लान के तहत फंसे हुए लोगों को घर जाने के लिए सफर करने दिया जाएगा. असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने इस बारे में कहा, 'करबी आंगलॉन्ग और डिमा हसाओ समेत कई जगहों पर छात्र फंसे हुए हैं. हम फंसे हुए लोगों को एक बार जाने की अनुमति देंगे ताकि वह लोग अपने घर जा सकें या गुवाहाटी में अपने दफ्तर के पास पहुंच सकें. हालात सामान्य होते ही हम उस दिन की घोषणा करेंगे.'

उन्होंने आगे कहा, 'राज्य में अलग-अलग जिलों के कई लोग दूसरे जिलों में फंसे हैं. हम उन्हें एक बार जाने की इजाजत देंगे लेकिन एक बार जब वह अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे, तो इसके बाद उन्हें कहीं और जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. हम जल्द ही एक दुरुस्त योजना के साथ तारीख की घोषणा करेंगे लेकिन यह सिर्फ तभी संभव होगा, जब हालात सामान्य होते नजर आएंगे.'

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने इस प्लान के लागू होने पर कोरोना के मामले बढ़ने को लेकर चिंता भी जाहिर की. उन्होंने कहा, 'अगर एक परिवार में 3 से 4 लोग हैं, तो देश में असम के फंसे हुए लोगों की संख्या करीब 10 से 12 लाख होगी. अगर कोरोना देश से जल्द खत्म नहीं होता है और ये लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो हमें एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ेगा. इसका दूसरा चरण हमारे लिए और मुश्किलें खड़ी करेगा.'

सरकारी सूत्रों के अनुसार, लॉकडाउन का पहला चरण शुरू होने से पहले करीब 70 हजार लोग असम में दाखिल हो चुके थे. असम सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर फंसे हुए लोगों के संबंध में अभी तक चार लाख कॉल आ चुकी हैं. इस बीच बीते दिन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मेघालय के सीएम कोनराड संगमा से फोन पर बात कर जरूरी सामानों को लेकर दोनों राज्यों में वाहनों की आवाजाही को आसान बनाने पर निवेदन किया. संगमा ने सर्बानंद सोनोवाल को आश्वस्त किया कि दोनों राज्यों के बीच जरूरी सामान लेकर जाने वाले वाहनों की आवाजाही जरा भी प्रभावित नहीं होगी.

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