केन्द्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों से उन लोगों को प्राथमिकता देने की अपील की, जिन्हें कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जानी है और केन्द्र से मिलने वाले टीके का 70 प्रतिशत इसके लिए सुरक्षित रखने को कहा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों से टीके की बर्बादी को न्यूनतम करने को कहा गया है. टीके की राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बर्बादी होने पर उसका समायोजन उसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश को किए जाने वाले आवंटन से किया जाएगा.
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोविड-19 से निपटने के लिए गठित तकनीकी और आंकड़ा प्रबंधन पर उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष डॉक्टर आर. एस. शर्मा द्वारा मंगलवार को राज्यों के अधिकारियों के साथ कोविड-19 टीकाकरण पर आयोजित समीक्षा बैठक में टीके की दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे लोगों पर जोर देने का फैसला किया गया. मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्यों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है, ‘‘टीके की पहली खुराक ले चुके लोगों को दूसरी खुराक के लिए प्राथमिकता दी जाए.''
बयान के अनुसार, इसके लिए राज्य केन्द्र सरकार से मिलने वाले टीके का कम से कम 70 प्रतिशत हिस्सा उन लोगों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं जिन्हें दूसरी खुराक लगनी है, बाकि 30 प्रतिशत को पहली खुराक वालों के लिए रखा जा सकता है. बयान के अनुसार, ‘‘हालांकि यह सिर्फ निर्देशात्मक है. राज्यों को इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक करने की स्वतंत्रता है. योजना बनाने के लिहाज से राज्यों के साथ कोविन की राज्यवार संख्या साझा की गयी है.''
पैंतालीस से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों, कोरोना योद्धाओं और स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य प्राथमिकता समूहों का बड़ी संख्या में टीकाकरण करने संबंधी राज्यों का आंकड़ा पेश करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से अनुरोध किया कि इन समूहों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाए.
बयान के अनुसार, पारदर्शी तरीके से राज्यों को पहले से बताया जा चुका है कि केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें कोविड-19 का कितना टीका मिलेगा, ताकि वे अपने हिसाब से योजना बना सकें. राज्यों को 15 से 31 मई तक के अगले आवंटन के बारे में 14 मई को जानकारी दे दी जाएगी. उसमें कहा गया है कि राज्य आवंटन संबंधी इस सूचना का उपयोग अगले 15 दिनों के टीकाकरण अभियान की योजना बनाने के लिए कर सकते हैं.
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