कोविड के साथ महाराष्ट्र अब ब्लैक फ़ंगस का भी हॉटस्पॉट बन चुका है. राज्य में अब तक ब्लैक फ़ंगस के 7998 मामले आ चुके हैं, वहीं 729 मरीज़ों की मौत हो चुकी है. नागपुर, पुणे और औरंगाबाद में ब्लैक फंगस के मामले सबसे ज़्यादा हैं. राजधानी मुंबई में 45 लोगों की ब्लैक फ़ंगस से मौत हुई है. 82 साल के शांताराम पाटिल बीते 15 दिनों से ब्लैक फ़ंगस से जूझ रहे हैं. उन्हें 28 मई को कोविड हुआ था, एक हफ़्ते में रिकवरी हुई लेकिन हाई ब्लड शुगर लेवल और ब्लैक फ़ंगस के साथ मुंबई के लायंस क्लब हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा.
लायंस क्लब हॉस्पिटल के डॉ. सुहास देसाई कहते हैं, 'पोस्ट कोविड दिक़्क़तों के साथ ये मरीज़ हमारे पास आए थे. साँस लेने में दिक़्क़त थी. साथ ही एक तरफ़ फ़ेशियल स्वेलिंग थी. हमने जब MRI किया तो म्यूकर का भी साइन आया. हमने पहले मरीज़ का cytokine storm का इलाज किया, स्टेबल किया फिर म्यूकर (Black fungus) की सर्जरी प्लान की.' महाराष्ट्र में फ़िलहाल 4,398 ब्लैक फ़ंगस के मरीज़ों का इलाज चल रहा है. शहर के लिहाल से बात करें तो नागपुर में अब तक ब्लैक फंगस के 1296 केस आए और 104 मौतें हुई हैं, पुणे में 1,187 को ब्लैक फ़ंगस हो चुका है, 90 मरीज़ों की जान गई है. औरंगाबाद में 940 लोगों को ये बीमारी हुई और 75 लोगों की जान गई है. मुंबई शहर में ब्लैक फ़ंगस के कुल 483 मामले दिखे हैं, तो वहीं 45 लोगों की जान जा चुकी है.
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मुंबई के जाने माने ENT सर्जन डॉ प्रशांत केवले वायरस के नए स्ट्रेन को ही बढ़ते ब्लैक फ़ंगस का कारण मानते हैं. उन्होंने कहा, '‘स्टेरॉयड, डायबटीज़ के साथ-साथ बाक़ी फ़ैक्टर्ज़ भी देखना होगा, ये स्ट्रेन अलग है. इस वायरस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, इस अलग स्ट्रेन की वजह से भी ब्लैक फ़ंगस को बढ़ावा मिल रहा है.' गौरतलब है कि बच्चे भी ब्लैक फंगस से संक्रमित हो रहे हैं और कुछ मामलों में बड़ों की तरह बच्चों की भी एक आँख निकालनी पड़ रही है.
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