कोविड लहर के चलते सुप्रीम कोर्ट में अब वर्चुअल सुनवाई ही होगी. अब जज अदालत के बजाय अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिए शामिल होंगे. सिर्फ बहुत जरूरी मामले, ताजा मामले, जमानत मामले, स्टे से जुड़े मामले, नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामलों की सुनवाई 10 जनवरी से की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, 7 जनवरी, 2022 (शुक्रवार) से सभी मामलों की वर्चुअल मोड में सुनवाई होगी और बेंच आवासीय कार्यालयों में बैठेंगी.
सर्कुलर के अनुसार, केवल अति आवश्यक 'मेंशन' मामले, ताजा मामले, जमानत मामले, स्टे से जुड़े मामले, नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामले अदालत के समक्ष 10 जनवरी, से अगले आदेश तक सूचीबद्ध किए जाएंगे. ट्रांसफर याचिकाओं को अगले आदेश तक सिंगल जज बेंच के बजाय रेगुलर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. सरेंडर से छूट के आवेदनों को भी अगले आदेश तक चेंबर न्यायाधीश के स्थान पर नियमित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के दो जज कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. साथ ही कुछ कोर्ट कर्मी भी कोविड पॉजिटिव हैं. इसी के चलते सीजेआई एनवी रमना ने गुरुवार को सप्ताह के तीन दिन मामलों की शारीरिक तौर पर सुनवाई को रोक दिया है. एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि, “अब 4-6 हफ्ते फिजिकल सुनवाई संभव नहीं है.” साथ ही दूसरी लहर की तरह जजों को अपने निवास कार्यालयों से वर्चुअल सुनवाई करने के लिए कहा.
सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की विदाई पार्टी के दौरान एक जज, जिनको बुखार हुआ था, वो भी मौजूद रहे. बाद में उनका कोविड पॉजिटिव आया. गुरूवार को सीजेआई एनवी रमना और चार अन्य वरिष्ठ जजों ने हालात पर बैठक की. पहली पांच अदालतें आधा घंटा देरी से बैठीं.
इस बीच, मीटिंग में एक राय बनी कि ओमिक्रॉन संक्रमण के लगातार और बेतहाशा बढ़ते खतरे को देखते हुए कुछ समय तक सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई ही हो. बता दें कि दो महीने पहले कोर्ट ने फिजिकल सुनवाई के लिए हफ्ते में दो दिन, बुधवार और गुरुवार तय किए थे. सोमवार और शुक्रवार को वर्चुअल सुनवाई होती थी और मंगलवार को हाईब्रिड. फिलहाल, अगले आदेश तक इसे बंद कर दिया गया है.
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