कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग को शुक्रवार को और भी शिकायतें सौंपी है. आयोग को 20 विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस उम्मीदवारों ने दी अपनी लिखित शिकायतों में आरोप लगाया है कि आठ अक्टूबर को हुई मतगणना के दौरान कुछ ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थीं.
निर्वाचन आयोग को ये शिकायतें हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद दी गई हैं. कांग्रेस ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम ‘‘अप्रत्याशित'' हैं और कुछ सीट पर ईवीएम में विसंगितयों का आरोप लगाया है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘9 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निर्वाचन आयोग को शिकायतें सौंपी थीं. आज, हमने एक अद्यतन ज्ञापन दिया है, जिसमें हरियाणा के 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया में गंभीर और स्पष्ट अनियमितताओं को रेखांकित किया गया है.''
उन्होंने आयोग को दिये गए ज्ञापन को साझा करते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि आयोग इस पर संज्ञान लेगा और उपयुक्त निर्देश जारी करेगा.'' आयोग को दिये पार्टी के ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि संलग्न शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और सुनिश्चित करें कि इन निर्वाचन क्षेत्रों की सभी ईवीएम को तुरंत सील कर दिया जाए. यह भी अनुरोध है कि हमारी शिकायतों पर विस्तृत जांच शुरू की जाए और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए.''
कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों ने अपनी लिखित शिकायतों में, जो अब निर्वाचन आयोग को भेजी गई हैं, आरोप लगाया है कि मतगणना के दौरान ज्यादातर ईवीएम 80 प्रतिशत से कम चार्ज थीं, जबकि कुछ 99 प्रतिशत चार्ज थीं.
कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने कहा, ‘‘यह ध्यान देने योग्य है कि ईवीएम में बैटरी की चार्जिंग का प्रतिशत चुनाव परिणाम के बारे में गंभीर संदेह पैदा करता है, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार उन ज्यादातर ईवीएम मशीनों में मतों की गिनती में विजयी हुए हैं जिनमें बैटरी प्रतिशत 80 प्रतिशत से कम था.''
कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार अमित सिहाग ने कहा, ‘‘मतगणना प्रक्रिया के दौरान, यह पाया गया कि लगभग 25 ईवीएम कंट्रोल यूनिट में 99 प्रतिशत बैटरी प्रदर्शित हो रही थी. यह अत्यधिक असामान्य और असंभव है, क्योंकि ईवीएम का उपयोग दिनभर मतदान के लिए किया गया. सामान्य उपयोग के तहत इतनी अधिक बैटरी प्रतिशत असंभव है, जिससे इन मशीनों की प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं.''
कंट्रोल यूनिट को बदले जाने का संदेह जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरी टीम और मतदाताओं को इस बात का पूरा संदेह है कि इन इकाइयों को बदल दिया गया है, जिससे मतदान प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा पर गंभीर संदेह उत्पन्न होता है. इससे यह चिंता उत्पन्न होती है कि चुनाव परिणामों में छेड़छाड़ की गई है.''
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के चुनाव एजेंट ने आरोप लगाया है कि ‘‘जिन ईवीएम में 90 प्रतिशत से अधिक बैटरी बैकअप है, उनमें भाजपा उम्मीदवार को बहुत अधिक वोट दर्शाये गए हैं, जो कि फर्जी डेटा प्रतीत होती है. जबकि जिन ईवीएम में 60-70 प्रतिशत बैटरी बैकअप है, उनमें भाजपा के बहुत कम वोट दर्शाये गए हैं.''
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और लिखित में सात शिकायतें सौंपी थीं. उन्होंने कहा था कि वे अपने कुछ अन्य उम्मीदवारों की ओर से भी इसी तरह की शिकायतें विस्तृत रूप में सौंपेंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा है, ‘‘हमारे कई उम्मीदवारों ने ईवीएम और उनकी बैटरी की क्षमता से संबंधित समस्या का सामना किया है.''
ज्ञापन में कहा गया है कि इन ईवीएम का इस्तेमाल पांच अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद, मतों की गिनती के लिए किया गया था. पार्टी ने कहा कि उसने कम से कम सात विधानसभा क्षेत्रों की ओर आयोग का ध्यान आकर्षित किया है. ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हमने हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों से अतिरिक्त 13 शिकायतों/मुद्दों को एकत्रित किया है और सभी 20 शिकायतों को संलग्न किया है.''
नारनौल, करनाल, डबवाली, रेवाड़ी, होडल (आरक्षित), कालका, पानीपत सिटी, इंद्री, बड़खल, फरीदाबाद एनआईटी, नलवा, रानिया, पटौदी (आरक्षित), पलवल, बल्लभगढ़, बरवाला, उचाना कलां, घरौंडा, कोसली और बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस उम्मीदवारों की शिकायतें आई हैं. इनमें वे सीटें भी शामिल हैं जहां पार्टी के उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे हैं और शिकायतकर्ताओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी शामिल हैं.
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