हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल 20 जून को राज्यपाल से मुलाकात करेगा. हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार के अल्पमत में होने के चलते फ्लोर टेस्ट की मांग और प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर चर्चा की जाएगी. कांग्रेस इससे पहले भी राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग उठा चुकी है लेकिन अभी तक उसे पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस्तीफा भी मांगा है.
कांग्रेस क्यों कर रही है फ्लोर टेस्ट की मांग
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की नायब सिंह सैनी की सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई है. जिसके बाद हरियाणा की 90 सदस्यों वाली असेंबली में अभी 88 विधायक हैं, वहीं दो सीटें खाली हैं. यहां बहुमत का आंकड़ा 45 है. जबकि सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है. इनमें 40 बीजेपी, 2 निर्दलीय, 1 लोकहित विधायक हैं और उसे दो और विधायकों की जरूरत है.
संकट में हरियाणा की नायब सरकार
हरियाणा की नायब सरकार (Nayab Saini Government) गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच हरियाणा सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने का खुला ऐलान करने वाले जेजेपी के दुष्यंत चोटाला ने अब हरियाणा के राज्यपाल को एक चिट्ठी लिख विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. उनका कहना है कि नायब सरकार को गिराने वाले विपक्षी दल को उनका पूरा समर्थन है.
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