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विपक्ष नहीं, अपने ही विधायकों ने लगाए घरों के आवंटन में घूसखोरी के आरोप, अब क्या करेगी सिद्धारमैया सरकार

बीआर पाटिल ने आरोप लगाया कि उनके अलंद निर्वाचन क्षेत्र और आसपास के इलाकों में लगभग 950 मकान रिश्वत लेकर गलत तरीके से आवंटित किए गए और विधायकों की सिफारिशी चिट्ठियों को भी तब तक तवज्जो नहीं दी गई जब तक पैसे नहीं दिए गए.

विपक्ष नहीं, अपने ही विधायकों ने लगाए घरों के आवंटन में घूसखोरी के आरोप, अब क्या करेगी सिद्धारमैया सरकार

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एक बार फिर मुश्किलों में घिरती दिख रही है. इस बार आरोप किसी विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बीआर पाटिल ने लगाए हैं. राज्यनीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष बीआर पाटिल ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने जिन आवास आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वे पूरी तरह सच हैं. 22 जून को कलबुर्गी स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए, पाटिल ने कहा कि हां, वह मेरी ही आवाज है. मुझे नहीं पता वह क्लिप किसने लीक की, लेकिन मैंने जो कुछ भी कहा है वह सच है और मैं हर शब्द पर कायम हूं. सच अंत में सामने आकर ही रहेगा. इस कथित ऑडियो क्लिप में पाटिल को राजीव गांधी हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तहत घरों के आवंटन में घूसखोरी के आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है. यह बातचीत  ज़मीर अहमद खान (आवास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री) के निजी सचिव सरफराज़ खान के साथ बताई जा रही है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर मैंने मुंह खोला तो सरकार हिल जाएगी.

ये हैं आरोप

बीआर पाटिल ने आरोप लगाया कि उनके अलंद निर्वाचन क्षेत्र और आसपास के इलाकों में लगभग 950 मकान रिश्वत लेकर गलत तरीके से आवंटित किए गए और विधायकों की सिफारिशी चिट्ठियों को भी तब तक तवज्जो नहीं दी गई जब तक पैसे नहीं दिए गए.

कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्ण का समर्थन

इस मुद्दे पर बेलूर से कांग्रेस विधायक गोपालकृष्ण ने पाटिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मैंने आवास बोर्ड मंत्रालय के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में सुना है. जब एक वरिष्ठ विधायक ऐसा कह रहे हैं तो संबंधित मंत्री को तुरंत इस्तीफा देकर जांच का सामना करना चाहिए. अगर वे निर्दोष हैं तो बाद में उन्हें फिर से मंत्री बनाया जा सकता है. सच्चाई  सामने आनी ही चाहिए.

कांग्रेस विधायक राजू कागे ने भी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

एक और कांग्रेस विधायक राजू कागे ने भी अपनी ही पार्टी की सरकार पर नाराज़गी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मेरी स्थिति भी बीआर पाटिल जैसी है. मुख्यमंत्री ने दो साल पहले मेरे क्षेत्र के लिए ₹12 करोड़ सड़क और ₹13 करोड़ सामुदायिक भवनों के लिए मंजूर किए थे, लेकिन आज तक एक भी कार्यादेश जारी नहीं हुआ. यह कैसा प्रशासन है? मैं इतना निराश हूं कि इस्तीफे पर विचार कर रहा हूं.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पर जवाब दिया है कि मैं उनसे बात करूंगा. कौन से विशेष फंड की बात हो रही है. बजट में ऐसा कोई ‘सीएम फंड' नहीं होता. लोग इसे विशेष फंड कह देते हैं, लेकिन हम जरूरत के अनुसार ही अनुदान देते हैं. कांग्रेस विधायकों के अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाने के बाद BJP को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया. BJP के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजएन्द्र के कहा कि कर्नाटका में स्टेट स्पॉन्सर्ड करप्शन हो रहा है, इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार और सिर्फ भ्रष्टाचार... ऐसा लगता है कि इसके अलावा राज्य में कुछ और नहीं हो रहा है. स्टेट स्पॉन्सर्ड करप्शन चल रहा है. सरकार ही करप्शन को बढ़ावा दे रही है. ये बात बीआर पाटिल के बयान से पता चलती है, हम इस मुद्दे को पूरे राज्य में उठाएंगे और सड़क पर आंदोलन करेंगे. वहीं BJP के वरिष्ठ नेता और पूर्व CM बीएस येदियुरप्पा ने कहा  बीआर पाटिल और राजू कागे के आरोप बहुत ही गंभीर हैं, वे जल्द ही पूरे राज्य का दौरा करेंगे और सिद्धारमैया सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे. कुल मिलाकर कांग्रेस सरकार अब अपने ही विधायकों के आरोपों से घिरी हुई है. विपक्ष से पहले तो घर के अंदर से उठी आवाज़ें सिद्धारमैया सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं.

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