कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने इस बात से इनकार किया है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसा को विपक्ष बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर जो विरोध है, उसका मूल कारण समझना पड़ेगा. देश इस समय बेरोजगारी के भयानक संकट से जूझ रहा है. सेना की बात करें तो सेना केवल नौकरी/ रोजगार का जरिया नहीं है, सेना में भर्ती होना देश के बड़े युवा वर्ग के लिए गर्व की बात है. सरकार उनके प्रति अअपना जो दायित्व निभाती है उससे उन्हें आसरा मिलता है. इस पूरे संकट का कारण यह है कि सरकार यह नहीं बता रही कि जो पुरानी नियमित भर्तियां हैं, वह होंगी या नहीं, सिंपल सवाल का जवाब सरकार नहीं दे रही कि जो बैकलॉग है वह कैसे भरे जाएंगे. सरकार बताए कि नियमित प्रक्रिया के साथ यह अग्निपथ योजना चलेगी या उसे बंद करके यह योजना चलेगी.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने आज बेंगलुरु में अग्निपथ योजना का हवाला दिए बिना अपने संबोधन में कहा कि कई फैसले/सुधार शुरुआत में अनुचित लग सकते हैं लेकिन बाद ये बाद में राष्ट्र निर्माण में मदद करते हैं. कई फैसलों/रिफॉर्म्स से देश को लाभ मिलता है, ये हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्पों की ओर ले जाते हैं. पीएम के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए NDTV से बातचीत में कन्हैया कुमार ने कहा, "मैं उम्मीद कर रहा था कि पीएम आज युवाओं से शांति की अपील करेंगे. यह आश्वासन देंगे कि घबराएं नहीं, सरकार आपके लिए अच्छा करेगी. युवाओं से हिंसा छोड़ने की अपील करेंगे. सरकारी संपति का नुकसान न करने की अपील करेगे लेकिन इस तरह की कोई अपील सुनने को नहीं मिली .'' कांग्रेस नेता कन्हैया ने कहा, "पहले यह (सत्ता पक्ष) समस्या खड़ी करते हैं और जब समस्या पर जनता की प्रतिक्रिया आती है उस तमाशा को आराम से देखते हैं. ठीक उसी तरह जैसे रोम जल रहा था नीरो बंसी बजा रहा था. सरकार की इस दलील कि वह आर्मी की एवरेज एज घटाना चाहती है, पर कन्हैया ने कहा कि वह 'एज' नहीं 'नंबर' घटाना चाहती है. सच्चाई यह है कि यह सरकार, खर्च को कम करना चाहते हैं. यह आर्मी, देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है.
सरकार के इस आरोप कि विपक्ष हिंसा को 'हवा' दे रहा, पर कन्हैया ने कहा, "सिंपल सी बात है कि इस देश के लोगों ने पीएम को प्यार दिया, भरोसा दिया, लोगों ने उनके फैसले को सिर आंखों पर लिया. कभी भी सरकार के खिलाफ लोग हंगामा नहीं करते. जब भरोसा टूटा तो यह विरोध हुआ. किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसान से कहा गया कि आमदनी दुगनी कर देंगे ऐसा नहीं हुआ. जब अन्नदाता का भरम टूटा तो विरोध सामने आया. इसी तरह युवाओं को दो करोड़ नौकरी का वादा किया गया. जब ऐसा नहीं हुआ तो विरोध हुआ. युवाओं को लग रहा है कि उन्हें ठगा जा रहा इसलिए वे सडक पर आ गए. रही बात विपक्ष की तो विपक्ष की बात कौन सुनता है. विपक्ष की बात को सुना जाता तो देश में बीजेपी सरकार नहीं चला रही होती. नौजवानों को लग रहा कि सरकार हमारे साथ छलावा कर रही है. कन्हैया ने कहा कि नौजवानों को लगता है पीएम के समर्थन में हम सोशल मीडिया पर लिखे-मैं भी चौकीदार, उन्हें क्या मालूम था बीजेपी की नई योजना है तैयार, देश के नौजवानों को बनना पड़गा चौकीदार. '' कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार विपक्ष पर आरोप लगाना बंद करें. पीएम देश को बताएं पुरानी भर्ती होगी या नहीं, बैकलॉग दिया जाएगा या नहीं. कन्हैया ने कहा] "इसके साथ ही मैं देश के नौजवानों से अपील करूंगा कि निजी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं. अपने न्याय के लिए लड़ें लेकिन सत्य-अहिंसा की राह पर चलें. "
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