हरियाणा में भाजपा सरकार पर अल्पमत का आरोप लग रहा है. कांग्रेस पार्टी बड़ा राजनीतिक उलटफेर करने की फिराक में है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यपाल बंडारुदत्ता त्रेय को ज्ञापन सौंपकर सरकार को बर्खास्त करने की मांग की. इस प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के अलावा 3 विधायक शामिल हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी, हालांकि, अब कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. भाजपा की संख्या को देखते हुए कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट की बजाय विधानसभा भंग करने की मांग की है.
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा कांग्रेस अब राज्य की राजनीति पर पूरी तरह से फोकस कर रही है. देखा जाए तो फ्लोर टेस्ट की बात को लेकर अब हरियाणा में नए सिरे से सियासी पारा चढ़ रहा है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा के लिए एक नई मुसीबत लाने की जुगत में है.
कांग्रेस क्यों कर रही है फ्लोर टेस्ट की मांग
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की नायब सिंह सैनी की सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई है. जिसके बाद हरियाणा की 90 सदस्यों वाली असेंबली में अभी 88 विधायक हैं, वहीं दो सीटें खाली हैं. यहां बहुमत का आंकड़ा 45 है. जबकि सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है. इनमें 40 बीजेपी, 2 निर्दलीय, 1 लोकहित विधायक हैं और उसे दो और विधायकों की जरूरत है.
संकट में हरियाणा की नायब सरकार
हरियाणा की नायब सरकार (Nayab Saini Government) गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच हरियाणा सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने का खुला ऐलान करने वाले जेजेपी के दुष्यंत चोटाला ने अब हरियाणा के राज्यपाल को एक चिट्ठी लिख विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. उनका कहना है कि नायब सरकार को गिराने वाले विपक्षी दल को उनका पूरा समर्थन है.
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