कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि केस में दोषी करार दिए जाने और 2 साल की सजा के बाद उनकी संसद की सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस ने मीटिंग बुलाई. इस मीटिंग में सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, राजीव शुक्ला और तारिक अनवर, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और पवन कुमार बंसल भी उपस्थित थे.
वहीं, राहुल पर एक्शन से पहले कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पहले संसद और फिर दिल्ली की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला, जो पोस्टर विपक्षी सांसदों ने लिए थे, उन पर लिखा था- लोकतंत्र खतरे में है.
लोकसभा की वेबसाइट से हटा राहुल का नाम
संसद के निचले सदन यानी लोकसभा के सचिवालय ने शुक्रवार को एक नोटिस में कहा, "राहुल गांधी अपनी सजा की तारीख से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं." लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है.
हर कीमत चुकाने को तैयार
राहुल गांधी ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्वीट कर लिखा, 'मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं.'
कांग्रेस ने शुरू किया कैंपेन-'डरो मत'
सदस्यता रद्द करने के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हमें जेल भी जाना पड़ा तो जाएंगे. इधर, राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर 'डरो मत' कैंपेन शुरू किया है. पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है. पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं.
आगे क्या हो सकता है?
अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालतें यानी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी बरकरार रखती हैं, तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे.
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