कांग्रेस ने बिलकिस बानो मामले की पृष्ठभूमि में मंगलवार को आरोप लगाया कि सभी दोषियों की रिहाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्वीकृति से हुई और यह सब चुनाव के मद्देनजर किया गया.
पार्टी ने यह सवाल भी किया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं.
गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली गई थी.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘लाल किले से महिला सम्मान की बात, लेकिन असलियत में 'बलात्कारियों' का साथ. प्रधानमंत्री के वादे और इरादे में अंतर साफ है, प्रधानमंत्री ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है.'
लाल किले से महिला सम्मान की बात लेकिन असलियत में 'बलात्कारियों' का साथ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 18, 2022
प्रधानमंत्री के वादे और इरादे में अंतर साफ है, PM ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘देश इंतजार कर रहा है मोदी जी, कुछ इस मुद्दे पर भी अपने मन की बात बताइए.'
देश इंतज़ार कर रहा है मोदी जी, कुछ इस मुद्दे पर भी अपने मन की बात बताइए https://t.co/WN0uFPfnVr
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) October 18, 2022
खेड़ा ने बिलकिस मामले पर एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘जहां सरकार बलात्कार की शिकार का मजहब और बलात्कारी का धर्म देखकर अपने निर्णय ले, क्या वहां अब कुछ बचा है लड़ने को?'
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा सरकार की तरफ से पहली बार कहा गया है कि सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों की रिहाई पर मोदी सरकार ने सहमति दी. यह बड़ी विडंबना है कि रिहाई 15 अगस्त को हुई.'
उन्होंने कहा, ‘बिलकिस बानो मामले में दोषियों को समय से पहले रिहा करना इस सरकार की विरासत पर एक धब्बा है, जो कभी नहीं मिटेगा.'
सिंघवी ने कहा, ‘मोदी सरकार पिछले दो-तीन महीनों से बिल्कुल चुप्पी साधे हुए है. हलफनामा के जरिये यह बात सामने आई हैकि उसकी सहमति से सब हुआ. इसका मतलब है कि इस तथ्य को छिपाने का पूरा प्रयास किया गया.'
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘विशेष अदालत द्वारा खारिज, सीबीआई द्वारा शक जताए जाने के बाद केवल केंद्र की भाजपा सरकार बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई को लेकर दृढ थी. बलात्कारियों और हत्यारों की आजादी उसकी प्राथमिकता है न कि न्याय की उम्मीद कर रही एक महिला की याचिकाएं. यह सरकार के चरित्र के बारे में काफी कुछ कहता है, है न?'
Denied by Special Court
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 18, 2022
Doubted by CBI
Only the BJP govt at centre was certain to release the perpetrators of Bilkis Bano.
Freedom of rapists & murderers is its priority and not the pleas of a woman expecting justice.
Says a lot about the character of a govt, doesn't it?
सिंघवी ने सवाल किया, ‘बड़ी-बड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों के विरोध के बावजूद, सीबीआई के विरोध के बावजूद, विशेष न्यायाधीश के विरोध के बावजूद किस आधार पर मोदी सरकार ने अनुमति दी? क्या मोदी सरकार ने सभी बलात्कारियों से ऐसे ही बर्ताव करने का निर्णय लिया है? क्या बलात्कार मामलों में यह नया मानक तय किया गया है?'
उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि उच्चतम न्यायालय इसमें निर्णय लेगा, लेकिन हम हमेशा मानते हैं कि एक सामूहिक समाज और जनता जनार्दन का जो मत होता है और जो जनता जनार्दन वाली कोर्ट-कचहरी होती है, जो आत्मा वाली कोर्ट-कचहरी होती है, जो करुणा वाली कोर्ट-कचहरी होती है, उसमें उस कसौटी पर ये सरकार पूरी तरह से विफल हुई है, हार गई है.'
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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘11 बलात्कारियों की रिहाई अमित शाह की स्वीकृति से की गई. अब सवाल प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर है. अरविंद केजरीवाल की चुप्पी को लेकर है.'
उन्होंने कहा, ‘क्या बलात्कारियों के बल पर चुनाव लड़े जाएंगे? अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री को लाल किले से महिलाओं के बारे में बात नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो प्रधानमंत्री को अपने गृह मंत्री को हटा देना चाहिए.'
गौरतलब है कि 21 वर्षीय बिलकिस बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसकी तीन साल की बेटी समेत परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त वह पांच महीने की गर्भवती थी.
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