भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कन्हैया कुमार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का प्रभारी नियुक्त करने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना की और आरोप लगाया कि युवा नेता देश की अखंडता के खिलाफ काम करने वाली विचारधाराओं से जुड़े रहे हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता आशीष सूद ने कांग्रेस पर इस नियुक्ति के जरिए युवा समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कुमार का उन लोगों के साथ संबंध रहा है, जिन्होंने भारत की अखंडता के खिलाफ और कश्मीरी अलगाववादियों के समर्थन में नारे लगाए. सूद ने आरोप लगाया कि उन्होंने कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर उस पर भी आक्षेप लगाया था.
संवाददाता सम्मेलन के दौरान सूद के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारी के साथ पार्टी के कई अन्य सदस्य भी मौजूद थे.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की नियुक्ति चिंता का विषय है और यह कांग्रेस के दिवालियेपन को दर्शाता है. उसकी विचारधारा जो भी हो, एनएसयूआई भी युवाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहती है और ऐसे नेता द्वारा इसका प्रतिनिधित्व करना अच्छा नहीं है.''
कांग्रेस ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कुमार को इस पद पर नियुक्त किया. एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 9 अप्रैल 1971 को एनएसयूआई की नींव रखी थी. केरल छात्र संघ और पश्चिम बंगाल राज्य छात्र परिषद का विलय करके इसे बनाया गया था.
कन्हैया कुमार को कांग्रेस पार्टी की ओर से जो पद दिया गया है, वो पिछले ढाई साल से खाली था. कन्हैया कुमार से पहले रूचि गुप्ता NSUI की प्रभारी थीं, जिन्होंने करीब ढाई साल पहले पद से इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि कन्हैया कुमार ने 2021 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी. इसके बाद से ही उन्हें अहम पद मिलने की चर्चाएं तेज हो गई थीं.
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