राज्यसभा में कालाधन के मुद्दे पर बहस में तमाम दलों की राय के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकार की ओर से जवाब दिया। वित्तमंत्री जेटली के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने वॉक आउट किया। इसके बाद लेफ्ट के सांसदों ने भी बहिर्गमन किया।
अपने जवाब में जेटली ने कहा कि देश का हर नागरिक चाहता है कि काला धन वापस आए। उन्होंने कहा कि कालाधन के मुद्दे पर व्हिसिल ब्लोअर की शिकायत के बाद कार्रवाई की गई।
उन्होंने सदन को बताया कि अब तक 250 लोगों ने विदेशी खातों के होने की बात कबूली है। जेटली ने कहा कि सरकार काला धन वापस लाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने सफाई में कहा कि काला धन भारतीय है, लेकिन साक्ष्य विदेशों में हैं इसलिए इस मुद्दे की जांच में कुछ समय लग रहा है।
वित्तमंत्री ने सदन को बताया कि सिर्फ रोमानिया को छोड़कर हर देश के साथ संधि में गोपनीयता का नियम है। उन्होंने कहा कि हमें जल्द ही सारी जानकारी मिलने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के सुझाव को घातक करार दिया।
जेटली ने कहा कि एचएसबीसी के 627 लोगों के मामले में सरकार 427 लोगों की पहचान कर पाई है। इन सभी में अधिकतर को नोटिस भेजा जा रहा है। साथ ही जेटली ने कहा कि एनडीए ने सरकार बनने के साथ ही पहला कदम काला धन के मुद्दे पर एसआईटी बनाई।
इसी दौरान जेडीयू सांसद शरद यादव ने कहा कि इस प्रकार तो सरकार को 100 साल लग जाएंगे, काला धन वापस लाने में...
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