सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तमिलनाडु के राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Election)15 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है.जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है. राज्य के 9 नवगठित जिलों में मतदान होना है. तमिलनाडु चुनाव आयोग का कहना था कि कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में चुनाव कराने में मुश्किल होगी. तमिलनाडु के निर्वाचन आय़ोग (Tamil Nadu State Election Commission) को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी मामलों में कोविड अच्छा बहाना है.
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कोर्ट के संज्ञान में लाया गया था कि राज्य में निकाय चुनाव करीब दो साल से नहीं कराए गए हैं. अदालत ने 9 जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव 15 सितंबर तक हर हाल में कराने को कहा है. राज्य निर्वाचन आय़ोग की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पीएस नरसिम्हा ने कहा कि देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु में आ रहे हैं और नौ नए जिलों में परिसीमन की प्रक्रिया भी अभी पूरी करनी है. दूसरे राज्यों से ईवीएम भी लाई जानी हैं.तमिलनाडु में अब तक 24.29 लाख कोरोना वायरस के केस मिल चुके हैं. साथ ही 31,386 लोगों की मौत हो चुकी है.
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कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में भी कोरोना के मामले कम होने लगे हैं, लेकिन तमिलनाडु में यह ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ में शामिल जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि कोरोना तो हर मामले में अच्छा बहाना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आखिरी बार आपको 15 सितंबर तक मोहलत देते हैं. अगर तब तक चुनाव नहीं कराए गए तो राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी. हालांकि अनुरोध के बाद कोर्ट ने अपने आदेश से अवमाननना कार्यवाही का अंश हटा दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में तमिलनाडु में स्थानीय निकाय चुनाव कराने की इजाजत दी थी, लेकिन परिसीमन न कर पाने वाले 9 जिलों को इससे बाहर रखा था. तमिलनाडु समेत पांच राज्यों में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न कराए गए हैं. तमिलनाडु के साथ बंगाल, असम, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव हुए थे, लेकिन निकाय चुनाव अभी इन 9 जिलों में अभी भी नहीं हो पाए हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद इन राज्यों मे कोरोना के केस तेजी से बढ़े थे.
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