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This Article is From Jan 02, 2020

क्या हिंदू विरोधी है मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे'? IIT कानपुर करेगा जांच

मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी के लगभग 300 छात्रों ने परिसर के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, क्योंकि उन्हें धारा 144 लागू होने के चलते बाहर जाने की इजाजत नहीं थी.

क्या हिंदू विरोधी है मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे'? IIT कानपुर करेगा जांच
IIT कानपुर के छात्रों ने फैज अहमद फैज की कविता 'हम देखेंगे' गाई थी. (फाइल फोटो)
कानपुर:

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के छात्रों द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के छात्रों के समर्थन में परिसर में 17 दिसंबर को मशहूर शायर फैज अहमद फैज की कविता 'हम देखेंगे' गाए जाने के प्रकरण में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. यह जानकारी आईआईटी कानपुर के उपनिदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने बुधवार को दी.

मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी के लगभग 300 छात्रों ने परिसर के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, क्योंकि उन्हें धारा 144 लागू होने के चलते बाहर जाने की इजाजत नहीं थी. प्रदर्शन के दौरान एक छात्र ने फैज की कविता 'हम देखेंगे' गाई थी, जिसके खिलाफ वासी कांत मिश्रा और 16 से 17 लोगों ने आईआईटी निदेशक के पास लिखित शिकायत दी.

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उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि कविता में कुछ दिक्कत वाले शब्द हैं, जो हिंदुओं की भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं. अग्रवाल ने बताया कि उनके नेतृत्व में 6 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है जो इस मामले की जांच करेगी. कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है जबकि कुछ अन्य से तब पूछताछ की जाएगी, जब वह अवकाश के बाद वापस संस्थान आएंगे. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की जंग में स्थिति खराब हो रही है, इसलिए उन्होंने लोगों से इसे बंद करने को कहा है और उन्होंने उनकी बात मान ली है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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