जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड़ पड़ रही है (प्रतीकात्मक फोटो)
श्रीनगर:
चिनारों पर बर्फ गिर रही है और बाशिंदे श्रीनगर की सड़कों पर अपने फिरन के नीचे कांगड़ी की गर्माहट से हाड़ कंपा देने वाली ठंड से राहत ढूंढ रहे हैं. ये मौसम है कश्मीर में ‘चिल्लई कलां’ का. चिल्लई कलां के चलते घाटी में आज से अगले 40 रोज तक सर्दी जमकर पड़ेगी.
चिल्लई कलां के पहले ही दिन चिनार, देवदार के वृक्षों से सजी घाटी में इस मौसम में पहली बार सर्दी का पैमाना श्रीनगर सहित कई इलाकों में नई मिसाल तक नीचे चला गया. श्रीनगर में दिसंबर महीने की बीती रात पिछले छह साल की सबसे अधिक सर्द रात गुजरी.
कश्मीर घाटी के साथ ही लद्दाख में भी कड़ाके की ठंड दस्तक दे चुकी है क्योंकि पहलगाम और गुलमर्ग को छोड़कर पूरे श्रीनगर डिवीजन में तापमान काफी नीचे चला गया है । मौसम का हालचाल बताने वाले विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में पारा शून्य से 6. 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया, जो पिछली रात के शून्य से 5. 5 डिग्री सेल्सियस से एक डिग्री और नीचे लुढक गया. ऐसी कड़ाके की रात इससे पहले 27 दिसंबर 2010 की रही थी. उस रात न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6. 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था.
इससे भी सालों पहले 13 दिसंबर 1934 की रात तो इससे भी ज्यादा कयामत की रात थी जब श्रीनगर में पारा लुढक कर शून्य से 12. 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया था.
पूरी घाटी को अपने आगोश में लेकर चल रही शीत लहर ने कई झीलों के पानी को जमा दिया है. इसमें प्रसिद्ध डल लेक भी शामिल हैं. घरों को जाने वाली पानी की पाइप लाइनों में भी पानी जम गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चिल्लई कलां के पहले ही दिन चिनार, देवदार के वृक्षों से सजी घाटी में इस मौसम में पहली बार सर्दी का पैमाना श्रीनगर सहित कई इलाकों में नई मिसाल तक नीचे चला गया. श्रीनगर में दिसंबर महीने की बीती रात पिछले छह साल की सबसे अधिक सर्द रात गुजरी.
कश्मीर घाटी के साथ ही लद्दाख में भी कड़ाके की ठंड दस्तक दे चुकी है क्योंकि पहलगाम और गुलमर्ग को छोड़कर पूरे श्रीनगर डिवीजन में तापमान काफी नीचे चला गया है । मौसम का हालचाल बताने वाले विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में पारा शून्य से 6. 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया, जो पिछली रात के शून्य से 5. 5 डिग्री सेल्सियस से एक डिग्री और नीचे लुढक गया. ऐसी कड़ाके की रात इससे पहले 27 दिसंबर 2010 की रही थी. उस रात न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6. 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था.
इससे भी सालों पहले 13 दिसंबर 1934 की रात तो इससे भी ज्यादा कयामत की रात थी जब श्रीनगर में पारा लुढक कर शून्य से 12. 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया था.
पूरी घाटी को अपने आगोश में लेकर चल रही शीत लहर ने कई झीलों के पानी को जमा दिया है. इसमें प्रसिद्ध डल लेक भी शामिल हैं. घरों को जाने वाली पानी की पाइप लाइनों में भी पानी जम गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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