देश के 70 फीसदी पावर प्लांट में चार दिन से कम का कोल स्टॉक है
नई दिल्ली:
पावर प्लांट्स में कोयले की किल्लत के चलते देश में पावरकट का संकट गहराने की आशंका बढ़ रही है. मुश्किल होती जा रही इस स्थिति में सरकार ने मंगलवार को देश की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सप्लाई का आश्वासन दिया है. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय भी स्थिति के आकलन के लिए बैठक बुला सकता है.
- कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि कोल इंडिया के पास फिलहाल 22 दिन का स्टॉक है और सप्लाई बढ़ रही है.
- कोयला मंत्री ने कहा, 'हम पूरे देश कोआश्वस्त करना चाहते हैं कि जरूरत के अनुसार कोयला उपलब्ध कराया जाएगा.'
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थर्मल पावर स्टेशंस में कोयले की स्टाक की स्थिति बताती है कि केंद्रीय निगरानी वाले देश के 135 पावर स्टेशन में से 115 या तो 'क्रिटिकल' या 'सुपर क्रिटिकल' श्रेणी में हैं . 70 फीसदी पावर प्लांट में चार दिन से कम का कोल स्टॉक है.
- सरकार ने बढ़ती हुई बिजली की मांग को पूरा करने के लिए घरेलू ग्रेड के साथ उपयोग के लिए कोयले के विदेश से भी आयात की मंजूरी दे दी है. इस कदम से वैश्विक स्तर पर इसकी पहले से बढ़ी कीमतों में और इजाफा हो सकता है.
- अब तक पावर प्लांट, जो स्थानीय कोयले का इस्तेमाल करते हैं, बेहद कम आयात करते हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि कोल इंडिया की ओर से सप्लाई पर्याप्त नहीं है.
- इससे पहले, आज सुबह ऊर्जा मंत्रालय ने राज्यों को चेताया था कि यदि बिजली उत्पादक (Power producers) बढ़ती उपयोगिता के चलते बिजली बेचते पाए गए तो उनकी बिजली की आपूर्ति में कटौती की जाएगी.
- कोयला संकट के चलते कई राज्यों ने ब्लैकआउट की आशंका जताई है. इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ कल बैठक भी की थी.
- गहराते बिजली संकट को लेकर कई राज्यों ने केन्द्र के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की है, इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश,बिहार, तमिलनाडु आदि शामिल हैं.
- भारत में बिजली उत्पादन में कोयले का योगदान करीब 70 फीसदी है और इसमें दो तीन चौथाई का घरेलू स्तर पर खनन किया जाता है.
- दरअसल, सितंबर माह में कोयला खदानों के आसपास भारी बारिश की वजह से खदान से कोयला निकालने और सप्लाई करने की प्रक्रिया बाधित हुई, जिसकी वजह से उतना कोयलानहीं पहुंच पाया जितनी जरूरत थी.