
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पीजी कॉलेज, सीहोर में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए. शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा कॉन्सेप्ट क्लियर है, मोहन जी मुख्यमंत्री हैं, विकास की उनकी तड़प प्रदेश को आगे बढ़ा रही है. मैं अंतरात्मा से कहता हूं कि मुझसे अच्छा काम मोहन यादव करें, क्योंकि ये प्रदेश के लिए जरूरी है.
शिवराज सिंह ने कहा कि कई बार इधर-उधर की खबरें आती है कि मैंने अपने क्षेत्र में पदयात्रा की. मेरा क्षेत्र मेरा परिवार है. हम विकसित भारत के लिए बुधनी और क्षेत्र को एक मॉडल बनाने का काम करें. उन्होंने कहा कि विकसित भारत तब बनेगा जब हर गांव विकसित होगा. इसलिए, हमने कोशिश की पैदल चलकर कि हम अलग-अलग मॉडल बनाएं, पानी बचाएं, बिजली बचाएं, स्वच्छता रखें, लाड़ली दीदियों से चर्चा, किसान और वैज्ञानिकों का संवाद, श्रमदान, जल संवर्धन. ये धर्म है जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की बेहतर सेवा करना.
शिवराज सिंह ने कहा कि पार्टी जो काम देती है, मैं उसे भगवान की पूजा मानकर करता हूं. मीडिया के मित्रों ने कुछ अलग रूप दे दिया कि ये निकल गया, पता नहीं क्यों निकला है.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में मैं दिन और रात दौड़ रहा हूं. पहले मैंने प्रदेश में काम किया और अब मैं देश के लिए काम कर रहा हूं. पार्टी का कहा मेरे लिए ब्रह्मवाक्य है. शिवराज सिंह ने कहा- "मीडिया के मित्रों, मोहन यादव मेरे मुख्यमंत्री हैं. इसमें कोई कयास मत लगाना."
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश की जनता को सौगातें देते हुए कहा कि पिछले साल हमने गरीबों के लिए 14 लाख मकान स्वीकृत किया थे. 2018 के आवास प्लस की सूची में 7,85,336 मकान अभी बचे हैं. अब प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से मैं आज पत्र लेकर आया हूं, ये सभी मकान भारत सरकार स्वीकृत करती है. 2018 की आवास प्लस सूची पूरी तरह संतृप्त हो जाए. बाकी भी कोई गरीब बिना मकान के न रहे, एक व्यापक सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे पूरा होकर, उसकी जांच होकर जो सूची बनेगी, उसे भी स्वीकृत किया जाएगा. आवास प्लस के मकान बनाने में 9,424 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मनरेगा के लिए हमने 6,263 करोड़ रुपये का लेबर बजट भी स्वीकृत किया है. उन्होंने कहा कि बहनों को लखपति बनाने का अभियान चल रहा है. 1.48 करोड़ दीदियां लखपति बनी हैं. लाड़ली बहना तो चलेगी ही, लेकिन बहनें लखपति भी बनेंगी. ये अभियान निरंतर चलेगा.
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