संयुक्त राष्ट्र की संस्था World Meteorological Organization ने अपने ताजा रिपोर्ट में आगाह किया है की भारत समेत पूरे एशिया में जलवायु परिवर्तन की वजह से क्लाइमेट से जुड़े डिजास्टर की संख्या बढ़ती जा रही है, और इसके साथ ही जानमाल का नुकसान भी बढ़ा है. रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि आने वाले समय पर प्राकृतिक आपदा से खतरा और बड़ा हो रहा है. "एशिया में जलवायु की स्थिति 2023" रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की संस्था World Meteorological Organization यानि WMO ने आगाह किया है कि एशिया वैश्विक औसत से भी अधिक तेजी से गर्म हो रहा है.
भारत में हीटस्ट्रोक से 2023 में 110 मौत
भारत में अप्रैल और जून 2023 के दौरान भीषण गर्मी के कारण हीटस्ट्रोक के कारण लगभग 110 मौतें हुईं. जून, जुलाई और अगस्त 2023 के दौरान बाढ़ और तूफान की घटनाओं के परिणामस्वरूप भारत, पाकिस्तान और नेपाल में 600 से अधिक मौतें हुईं. अगस्त 2023 में बाढ़, भूस्खलन की वजह से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कई राज्यों में भारी नुकसान हुआ. इस आपदा में 25 लोगों की जान चली गई और बुनियादी ढांचे और कृषि को व्यापक नुकसान हुआ. Cyclone Michaung 5 दिसंबर 2023 को दक्षिणी आंध्र प्रदेश में तट से टकराया, इसके असर से दक्षिण-पूर्व भारत में 22 लोगों की मौत हुई.
ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार बढ़ी: रिपोर्ट
2023 में एशिया का औसत तापमान 1991-2020 के संदर्भ से 0.91 डिग्री सेल्सियस अधिक था जो अब तक का दूसरा सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया है. इसकी वजह से ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार बढ़ी है. WMO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 4 अक्टूबर, 2023 को साउथ लहोनक (Lhonak) में आये भयंकर Glacial Lake Outburst Flood से उत्तरी सिक्किम में Teesta III hydroelectric dam को भारी नुकसान हुआ इस आपदा की वजह से 100 से अधिक मौतें हुईं, 70 लोग लापता हुए और 90,000 प्रभावित हुए. इस तरह की आपदा के पीछे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लेशियर का पीछे हटना है.
ज़ाहिर है, जलवायु परिवर्तन की वजह से क्लाइमेट से जुड़े डिजास्टर की संख्या बढ़ती जा रही है. WMO के मुताबिक 2023 में एशिया में जल-मौसम संबंधी खतरे की घटनाओं से जुड़ी कुल 79 आपदाएं दर्ज की गईं. इनमें से 80% से अधिक बाढ़ और तूफान की घटनाओं से संबंधित थे और इनकी वजह से 2,000 से अधिक मौतें हुईं और नब्बे लाख लोग सीधे प्रभावित हुए. यानि जलवायु परिवर्तन का खतरा बड़ा हो रहा है और इसके साथ ही इससे निपटने की चुनौती भी.
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