उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी की एक टीम ने इंदौर के स्वच्छता मॉडल का अवलोकन किया. साथ ही इंदौर के ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का दौरा किया. इंदौर के मॉडल को उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों पर लागू करने के लिए रणनीति बनेगी. इस टीम में स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक समेत नगरीय निकायों के 13 प्रतिनिधि शामिल थे.
मथुरा-वृंदावन, झांसी, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, फर्रुखाबाद, कुशीनगर, मुरादाबाद और गोरखपुर के प्रतिनिधि भी इसमें मौजूद थे. मुख्य सचिव ने भी टीम यूपी से जानकारी ली और खुद भी अवलोकन किया. प्रदेश के आला अधिकारी दूसरे राज्यों के उन शहरों का गहन निरीक्षण कर रहे हैं, जो स्वच्छता रैंकिंग में लगातार टॉप पर बने हुए हैं. खासकर मध्य प्रदेश का इंदौर शहर, जो स्वच्छता के मामले में लगातार शीर्ष पर रहा है. इंदौर के मॉडल को यूपी के शहरों पर कैसे लागू किया जाए, कूड़े का निस्तारीकरण कैसे हो, पर्यावरण को कैसे बचाया जाए समेत तमाम इश्यूज को जानने के लिए उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों की एक टीम ने बीते शनिवार और रविवार को इंदौर के स्वच्छता मॉडल का अवलोकन किया.
इस दौरान टीम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का भी अवलोकन किया. खुद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी इंदौर जाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित बायो सीएनजी प्लांट को देखा है. माना जा रहा है कि इंदौर की तर्ज पर ही जल्द उत्तर प्रदेश के शहरों को भी संवारा जाएगा और प्रदेश को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा, ताकि स्वच्छता रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के शहरों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सके.
उत्तर प्रदेश के अफसरों ने इंदौर निगम के अफसरों से पूछा कि उन्होंने इंदौर शहर में स्पाट फाइन व कचरा संग्रहण शुल्क को कैसे वसूला. निगम के अफसरों ने उन्हें बताया कि हमने पहले शहर में कचरा संग्रहण शुल्क तय किया. इसके पहले डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन वार्ड में समय पर पहुंचे, यह सुनिश्चित किया. अफसरों ने पूछा कि यदि कोई स्पाट फाइन न दे तो क्या होगा. निगम के अफसरों ने बताया कि लगातार गलती करने पर निगम संबंधित के भवन निर्माण की नपती कर उस पर कार्रवाई करता है.
मुख्य सचिव ने कहा कि मैंने देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में विख्यात मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 500 मीट्रिक टन गीले कूड़े से 17 टन बायो सीएनजी बनाने वाले प्लांट का अवलोकन किया. इस प्लांट से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी. टीम उत्तर प्रदेश ने इंदौर की स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं को फील्ड में जाकर बहुत ही गहनता से देखा, लोगों से चर्चा की और नजदीक से समझा. ये अधिकारी अपनी नगर निकाय, क्षेत्रीय नगर निकायों व प्रदेश स्तर पर रिसोर्स पर्सन बनेंगे.
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