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"कोई किंतु-परंतु नहीं" : UPSC लेटरल एंट्री में आरक्षण चाहते हैं चिराग पासवान

लेटरल एंट्री के खिलाफ विपक्ष के बाद अब सरकार के अंदर से ही आवाज उठने लगी है. चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी पार्टी इस कदम से कतई सहमत नहीं है.

"कोई किंतु-परंतु नहीं" : UPSC लेटरल एंट्री में आरक्षण चाहते हैं चिराग पासवान
नई दिल्ली:

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) के रूप में एक अप्रत्याशित सहयोगी मिला है. चिराग पासवान लेटरल एंट्री (Lateral Entry) की आलोचना करने वाले एनडीए के पहले पार्टनर हैं. पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी इस कदम से कतई सहमत नहीं है. साथ ही कहा कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे. राहुल गांधी ने एक दिन पहले इस मुद्दे पर कहा था कि इस तरह की कार्यवाही से वंचित वर्ग के आरक्षण को छीना जा रहा है. 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, "किसी भी सरकारी नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान होना ही चाहिए. इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है. निजी क्षेत्र में कोई आरक्षण नहीं है और अगर यह सरकारी पदों पर भी लागू नहीं होता है तो...  यह जानकारी रविवार को मेरे सामने आई और यह मेरे लिए चिंता का विषय है.''

सरकार के सामने उठाएंगे यह मुद्दा : पासवान 

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि सरकार के सदस्य के रूप में उनके पास इस मुद्दे को उठाने का मंच है और वह इसे उठाएंगे. 

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री' के माध्यम से भरा जाना है. 

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के निशाने पर भाजपा

कांग्रेस ने इस कदम को खारिज कर दिया है. पार्टी ने इसे वंचित वर्गों से नौकरियां छीनने और इसे भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कैडरों को देने की चाल बताया है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह भाजपा की अपने वैचारिक सहयोगियों को पिछले दरवाजे से उच्च पदों पर नियुक्त करने की "साजिश" है. 

कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि जहां यूपीए सरकार ने कुछ क्षेत्रों में चुनिंदा विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी, वहीं एनडीए सरकार इसका इस्तेमाल दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के "अधिकारों को छीनने" के लिए कर रही है. 

खरगे ने आरोप लगाया कि "एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस पद अब आरएसएस के लोगों को दिए जाएंगे. यह आरक्षण छीनकर संविधान बदलने का भाजपा का 'चक्रव्यूह' है."

कांग्रेस के पाखंड को उजागर कर दिया : वैष्‍णव 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के लेटरल एंट्री के विरोध ने उसके पाखंड को उजागर कर दिया है. एक्स पर एक पोस्ट में वैष्णव ने कहा, "लेटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस का पाखंड स्पष्ट है. यह यूपीए सरकार थी जिसने लेटरल एंट्री की अवधारणा तैयार की थी."

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