किर्गिस्तान के बिश्केक में SCO समिट से इतर पीएम मोदी (PM Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) की मुलाकात हुई. इस बातचीत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा भी उठा. दोनों के बीच हुई संक्षिप्त बातचीत में भारत ने पाकिस्तान को आतंक पर कड़े कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया. पीएम मोदी ने शी चिनफिंग के साथ बैठक में कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, जिसका असर भारत से शांतिपूर्ण द्विपक्षीय संबंध बनाने के माहौल पर पड़ रहा है. विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी व शी की मुलाकात के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के प्रयास किए थे, लेकिन उसे पटरी से हटा दिया गया. जब यह पूछा गया कि क्या मोदी व शी के बीच वार्ता के दौरान पाकिस्तान व आतंकवाद के मुद्दे सामने आए तो गोखले ने कहा, 'इस पर संक्षिप्त चर्चा हुई.' विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्थिति लगातार यही बनी हुई है कि वह पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है. मोदी ने शी से कहा कि पाकिस्तान को 'आतंक से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है, लेकिन अभी तक हम ऐसा होते नहीं देख रहे हैं.'
इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग (Xi Jinping) ने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तरफ से दिए गए इस वर्ष के अंत में भारत आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने यह जानकारी दी.
Had an extremely fruitful meeting with President Xi Jinping. Our talks included the full spectrum of India-China relations.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2019
We shall continue working together to improve economic and cultural ties between our nations. pic.twitter.com/JIPNS502I3
राष्ट्रपति शी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद मोदी ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अत्यंत फलदायी मुलाकात की. हमारी बातचीत में भारत-चीन संबंध पूरे विस्तार से शामिल थे. हम अपने बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुधारने में मिलकर काम करते रहेंगे.' बैठक की शुरुआत में राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी चुनावी विजय पर बधाई दी. मोदी ने जवाब दिया, 'भारत में चुनाव परिणाम के बाद मुझे आपका संदेश मिला और आज एक बार फिर आप जीत पर मुझे बधाई दे रहे हैं. मैं इसके लिए आपका बहुत आभारी हूं.' शी ने पिछले महीने आम चुनाव जीतने पर मोदी को बधाई दी थी. परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही चीनी राष्ट्रपति का बधाई संदेश किसी विदेशी नेता के लिहाज से दुर्लभ ही था.
मोदी ने 15 जून को 66 वर्ष के होने जा रहे शी को बधाई देते हुए उनसे कहा, 'सभी भारतीयों की ओर से मैं आपके जन्मदिन पर बहुत सारी शुभकामनाएं देता हूं.' उन्होंने कहा, 'जैसा कि आपने कहा, आने वाले दिनों में हम दोनों कई विषयों पर आगे बढ़ सकते हैं. हम दोनों को और अधिक काम करने के लिए एक साथ कार्यकाल मिला है.' मोदी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में शी से कहा, 'वुहान में हमारी मुलाकात के बाद हमने अपने सबंधों में नई रफ्तार और स्थिरता देखी है. दोनों पक्षों में रणनीतिक संवाद में तेज प्रगति हुई है, जिसकी वजह से दोनों एक दूसरे की चिंताओं और हितों को लेकर अधिक संवेदनशील हुए हैं और उसके बाद से सहयोग बढ़ाने के नये क्षेत्र बने हैं.' प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की 2018 में वुहान में हुई मुलाकात को 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की वजह से तनावपूर्ण हुए रिश्तों में सहजता लाने का श्रेय दिया जाता है. वुहान वार्ता के बाद दोनों देशों ने सैन्य संबंधों समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिश्तों को सुधारने के प्रयास तेज कर दिये थे. दोनों नेता पिछले पांच साल में 10 बार से ज्यादा मिल चुके हैं.
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बता दें कि पीएम मोदी लोकसभा चुनाव में दोबारा जीत दर्ज करने के बाद पहले बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. मोदी ने बिश्केक की अपनी दो दिवसीय यात्रा से पहले एक बयान में कहा था कि उनकी एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत कई नेताओं से मिलने की योजना है. पीएम मोदी का विमान ओमान, ईरान और कई मध्य एशियाई देशों से होते हुए किर्गिज गणराज्य की राजधानी पहुंचा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दौरान पर जाने से पहले बुधवार को कहा कि किर्गिज गणराज्य में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर मुख्य जोर रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस मध्य एशियाई देश की उनकी यात्रा एससीओ के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगी. बिश्केक की 13-14 जून की अपनी यात्रा से पहले मोदी ने एक बयान में कहा कि एससीओ सम्मेलन से इतर उनकी योजना कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी है.
Video: किर्गिस्तान पहुंचे पीएम मोदी
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने में हम एससीओ को विशेष महत्व देते हैं. भारत ने दो साल पहले एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद इसके विभिन्न वार्ता तंत्रों में सक्रियता से भाग लिया है.'' मोदी ने कहा कि भारत ने किर्गिज गणराज्य की अध्यक्षता को पूरा सहयोग दिया है.
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