गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी सैन्य गतिविधियों के बीच उकसावे से भरी हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन लद्दाख की पैंगोंग झील (Pangong Lake) के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक पुल (Chinese bridge) का निर्माण कर रहा है, यह क्षेत्र पिछले साल दोनों सेनाओं के बीच टकराव का मुख्य बिंदु था. यह पुल पैंगोंग झील के एक हिस्से में बनाया जा रहा है और चीन के नियंत्रण वाले क्षेत्र में आता है. यह झील के दोनों किनारों को जोड़ता है. झील के ऊपर पुल बन जाने से चीनी सैनिकों और रसद को वहां पहुंचने के कई रास्ते खुल जाएंगे. इससे चीन उन संवेदनशील इलाके में कम वक्त में तेजी से ज्यादा सैनिकों का पहुंचा सकता है.
Media reports of #PangongTso allege a new bridge is under construction connecting the north & south bank of the lake, in turn enhancing road connectivity for #China's troops in the area, GEOINT of the area identifies the location & progress of the alleged structure https://t.co/b9budT3DZZ pic.twitter.com/IdBl5rkDhR
— Damien Symon (@detresfa_) January 3, 2022
इससे जुड़ी सैटेलाइट तस्वीरें (Satellite image) हासिल करने वाले जियो इंटेलीजेंस एक्सपर्ट डेमियन सिमोन ने संकेत दिया है कि चीन संभवतः पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल का निर्माण कर रहा है. सिमोन के ट्वीट से यह संकेत मिलता है कि यह पुल झील के संकरे रास्ते पर लगभग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है.
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पिछले साल भारतीय सैनिक यहां पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर महत्वपूर्ण कैलाश रेंज की चोटी तक पहुंच गए थे. इससे भारतीय सेना को चीनी सेना के मुकाबले थोड़ी सामरिक बढ़त मिल गई थी. इस पुल के बनते ही चीन के पास इस विवादित क्षेत्र में सैनिकों को पहुंचाने के लिए कई रास्ते खुल जाएंगे. इस इलाके में पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं.
हालांकि लंबी सैन्य वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने एक पीछे हटने का फैसला किया था. वर्ष 2020 में चीन और भारत के करीब 50 हजार सैनिक पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तैनात हैं और उत्तर में डेपसांग प्लेन से लेकर सुदूर दक्षिण में डेमचोक इलाके तक तैनात हैं. जून 2020 में गलवान घाटी (Galwan river) के इलाके में हुए खूनी संघर्ष के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. जबकि चीन का कहना है कि उसके चार सैनिकों की मौत हुई, हालांकि भारत लगातार यह कहता रहा है कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे.
हालांकि पिछले साल जुलाई में भारत और चीन टकराव वाली जगह से 2-2 किलोमीटर पीछे हटने पर सहमत हुए थे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत के बाद यह फैसला हुआ था. सैन्य सूत्रों ने एनडीटीवी को यह भी बताया है कि चीनी मीडिया के ट्विटर हैंडल पर जो नया वीडियो है, जिसमें गलवान घाटी में चीन का झंडा लहराता हुआ दिख रहा है, वो दोनों देशों के बीच असैन्य क्षेत्र घोषित हुए इलाके का उल्लंघन नहीं करता.
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