गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर चीन की आपत्ति के बीच दो टूक जवाब दिया है. अमित शाह ने सोमवार को कहा कि कोई भी "भारत की क्षेत्रीय अखंडता" पर सवाल नहीं उठा सकता है. उन्होंने कहा, "कोई हमारी एक इंच जमीन भी नहीं ले सकता है." गृह मंत्री ने अरुणाचल के किबिथू गांव में केंद्र की ओर से चलाई जा रही कई योजनाओं की शुरुआत की है. यह गांव भारत और चीन की सीमा पर स्थित है.
अमित शाह ने कहा, 'ITBP और सेना के जवानों के शौर्य के कारण कोई भी आंख उठाकर हमारे देश की सीमा को नहीं देख सकता. अब वो जमाना चला गया जब भारत की जमीन पर कोई भी कब्जा कर सकता था. आज सूई की नोक बराबर भी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता.'
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को एक समाचार ब्रीफिंग में बताया कि चीन गृह मंत्री अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का दृढ़ता से विरोध करता है. इस क्षेत्र में भारत के गृह मंत्री की गतिविधियों को बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन मानता है. हालांकि, भारत सरकार ने चीन के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया था.
अरुणाचल में नमस्ते की जगह बोलते हैं 'जय हिंद'
शाह ने कहा- 'अरुणाचल प्रदेश की एक बहुत खास और अच्छी बात है. जब आप यहां के लोगों से मिलोगे तो वे नमस्ते नहीं करते हैं. यहां के लोग जय हिंद बोलते हैं. यहां कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता. इसकी वजह यहां के लोगों की देशभक्ति है.'
'वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम' किया लॉन्च
किबिथू गांव में 'वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम' लॉन्च करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "PM मोदी ने सीमावर्ती गांवों में रोजगार देने और विकास करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया है. आने वाले सालों में सीमा से सटे हर घर में पानी, बिजली, गैस-सिलेंडर और लोगों को रोजगार मिलेगा. इन गांवों को देश के अन्य हिस्सों और अरुणाचल के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा."
1962 की जंग में शहीदों को किया याद
अमित शाह ने 1962 की जंग में शहीद हुए किबिथू के जवानों को याद करते हुए कहा-"संख्या कम होने के बाद भी हमारे जवान बहादुरी से लड़े. 1965 में टाइम मैगजीन ने भी इस लड़ाई में भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की थी. भारत में सूर्य की पहली किरण इस भूमि पर पड़ती है. भगवान परशुराम ने इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा था. यह भारत माता के मुकुट का एक उज्ज्वल गहना है.'
चीन ने अरुणाचल में बदल दिए 11 जगहों के नाम
पिछले सप्ताह ही चीन ने पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदल दिए थे. चीन ने दावा किया था कि वे दक्षिणी तिब्बत में कुछ भौगोलिक नामों का मानकीकरण कर रहा है. भारत ने चीन के इस कदम का कड़ा विरोध किया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय किया था कड़ा विरोध
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है. बागची ने कहा, 'हम इस प्रयास को पूरी तरह से खारिज करते हैं. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और आगे भी रहेगा.' उन्होंने कहा कि चीन के नाम बदलने से जमीनी हकीकत नहीं बदल जाएगी.
वीवीपी क्या है?
बता दें कि वीवीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके तहत उत्तरी सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2,967 गांव की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है.
बजट में की थी वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की घोषणा
गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन के साथ 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) को मंजूरी दी है. इसमें 2500 करोड़ रुपये विशेष रूप से सड़क संपर्क के लिए निर्धारित किए गए हैं.
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