विज्ञापन
This Article is From Jul 01, 2021

दिल्‍ली के चीफ सेक्रेटरी पर हमले के मामले में दिल्‍ली पुलिस को SC से राहत नहीं, HC के फैसले को कायम रखा

SC ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मामले में गवाहों के बयानों की कॉपी देने का हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा है.

दिल्‍ली के चीफ सेक्रेटरी पर हमले के मामले में दिल्‍ली पुलिस को SC से राहत नहीं, HC के फैसले को कायम रखा
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने संबंधी दिल्‍ली पुलिस की याचिका खारिज की
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
HC के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका SC ने की खारिज
हाईकोर्ट ने CM केजरीवाल को गवाहों के बयानों की कॉपी देने को कहा था
2018 में अंशु प्रकाश में 'आप' विधायकों पर लगाया था मारपीट का आरोप
नई दिल्ली:

दिल्ली के चीफ सेकेट्री (तत्‍कालीन) अंशु प्रकाश पर हमले के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. SC ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मामले में गवाहों के बयानों की कॉपी देने का हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. HC ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व 11 आरोपी विंधायकों को मामले में गवाहों के बयानों की कॉपी देने के आदेश दिए थे.

बंगाल में चुनाव-बाद हिंसा को लेकर केंद्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग को SC का नोटिस

गौरतलब है कि 19-20 फरवरी 2018 को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी (मुख्य सचिव) अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में उनके साथ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की. इस घटना के बाद अंशु प्रकाश एक हफ्ते की मेडिकल लीव पर चले गए थे. मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी.

'स्पीकर पर हम नहीं थोप सकते समय-सीमा', CJI बोले- 'पढ़कर आइए कर्नाटक में दल-बदल का फैसला'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने वीके जैन के बयान की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था, जो केजरीवाल के सलाहकार थे. वह आदेश आरोपी व्यक्तियों को स्वतंत्रता का समर्थन करता है और हम इसका समर्थन करते है .SC ने यह भी कहा कि एक मजबूत और निष्पक्ष आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए अभियोजन पक्ष को केजरीवाल, सिसोदिया और 'आप' के 11 अन्य विधायकों के आरोपियों को गवाहों के सभी बयान प्रदान करने चाहिए, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने 13 अगस्त, 2018 को चार्जशीट किया था.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा, 'यह राजनीतिक रूप से गर्म आलू हो सकता है लेकिन कानूनी रूप से नहीं है.वह दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं देगा. जांच एजेंसी को निष्पक्ष होना चाहिए. यह एक लिखित बयान है यदि आरोपी के लिए कुछ फायदेमंद है तो उसे इसका लाभ उठाना चाहिए. आपराधिक कानून को अपना काम करने दें. इस मामले में कुछ भी नहीं है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने ये टिप्पणी की और दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी.

SC में याचिका- ब्‍लैक, व्‍हाइट और यलो फंगस से हुई मौत के मामले में भी मिले मुआवजा

इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि पुलिस डायरी आरोपी को नहीं दी जा सकती और हाईकोर्ट के आदेश का बहुत बड़ा असर होगा, इस पर SC ने कहा कि यह केस डायरी में गवाह का बयान है. इस मामले में अदालत को कड़ी मेहनत करने की कोई जरूरत नहीं है जिसमें कुछ भी नहीं है. फरवरी 2018 में आधी रात में बुलाई गई मीटिंग के बाद तब दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी रहे अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और 11 विधायकों ने उनके साथ हाथापाई की थी. इस घटना में केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने गवाह के तौर पर बयान दिया था. उस बयान की कापी सीएम, डिप्टी सीएम और विधायकों को उपलब्ध कराए जाने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपराधिक न्यायिक व्यवस्था में ये लाजिमी है कि अभियोजन पक्ष चार्जशीटेड लोगों को गवाह के बयान की प्रति मुहैया कराए ताकि वो अपना समुचित बचाव कर सकें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com