रांची में हुई की हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसआईटी गठित की

झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा की जांच दो सदस्यीय समिति करेगी, हिंसा में दो लोगों की मौत, शहर में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात

रांची में हुई की हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसआईटी गठित की

रांची में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था.

रांची:

Ranchi violence: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर रांची में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन (Protest) के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसआईटी (SIT) का गठन किया है. दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है. इसमें एडीजी (अभियान) संजय लाटकर और पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि सोरेन ने हिंसा की जांच के लिए आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान) संजय लाटकर की दो सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है. समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

इस बीच हिंसाग्रस्त रांची शहर में शनिवार को पूरी तरह शांति और व्यवस्था बनी रही. कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली. झारखंड के पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) एवं राज्य पुलिस के प्रवक्ता एवी होमकर के मुताबिक आज रांची में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. शुक्रवार को हुई हिंसा के केंद्र में रहे मेन रोड तथा उसके आपपास के इलाकों में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने शनिवार को आधा दर्जन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया. उनसे पूछताछ की जा रही है. गृह विभाग के निर्देश पर हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर शुक्रवार की शाम से इंटरनेट सेवाओं पर लगाई गई रोक को रविवार सुबह छह बजे तक बढ़ा दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि रांची की स्थिति को देखते हुए कल सुबह इंटरनेट सेवाओं की बहाली के बारे में फैसला लिया जाएगा.

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान हिंसा हुई तथा उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई में घायल दो दर्जन लोगों में से देर रात में दो लोगों की मौत हो गई. 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया. इसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. उन्होंने बताया कि राजधानी में बड़े पैमाने पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है.

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो लोगों की देर रात मौत हो गई. होमकर के मुताबिक, “शुक्रवार रात से राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है. हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा-144 लागू कर निषेधाज्ञा का पालन कराया जा रहा है, ताकि हिंसा और उपद्रव से बचा जा सके.”

उन्होंने बताया कि रांची के हिंसाग्रस्त मेन रोड क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई बल (RAF) की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि आसपास के संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आईजी और डीआईजी रैंक के एक-एक अधिकारी के अलावा एसपी रैंक के छह अधिकारियों और डीएसपी रैंक के सौ अधिकारियों सहित लगभग 2,500 पुलिस कर्मियों को भेजा गया है.

होमकर के अनुसार, आम लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए शनिवार सुबह से दो बार त्वरित कार्रवाई बल एवं अन्य अर्धसैनिक बलों का मेन रोड और आसपास की गलियों में फ्लैग-मार्च निकाला गया. 

राज्य के गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर अफवाहों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक रांची में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं, जिसे तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. होमकर के मुताबिक, शुक्रवार की हिंसा में 12 पुलिस कर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से कुछ को गोलियां भी लगी थीं. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल 13 लोगों को शुक्रवार देर रात राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया था, जिनमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई.

होमकर के अनुसार, मृतकों की पहचान हिंदपीढ़ी इलाके के लेक रोड निवासी 22 वर्षीय मोहम्मद मुदस्सिर कैफी और लोअर बाजार तर्बला रोड के रहने वाले 24 साल के मोहम्मद साहिल के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि कैफी के सिर में जबकि साहिल की गर्दन में गोली लगी थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने के कारण दोनों की मौत होने की बात सामने आई है. होमकर के अनुसार मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और पुलिस प्रशासन स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है. 

अधिकारियों ने बताया कि रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा को सिर में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

रांची में हुई हिंसा की राज्यपाल रमेश बैस ने निंदा की है. उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की हिंसा पर चिंता जताई. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी साजिश का हिस्सा न बनें और शांति व्यवस्था बनाए रखें. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में हुई हिंसा को राज्य सरकार की विफलता करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया, “राजधानी रांची के मेन रोड में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी भर्त्सना करता हूं. सरकार वोट बैंक की राजनीति छोड़कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी.”

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