महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप, सट्टेबाजी ऐप, प्रवर्तन निदेशालय
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)/आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप के कथित अवैध संचालन के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर चार मार्च को राज्य की एजेंसी द्वारा दर्ज मामले में यह पहली गिरफ्तारी है. प्रवर्तन निदेशालय पिछले एक साल से अधिक समय से इस मामले में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहा है.
एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि एजेंसी ने महादेव सट्टा ऐप मामले में दो फरार आरोपी राहुल वकटे और रितेश यादव को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों को रायपुर की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें छह दिनों के लिए एसीबी/ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया गया.
बयान में कहा गया है कि राज्य पुलिस के सहायक उप निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा को (ईडी द्वारा) गिरफ्तार करने के बाद दोनों पिछले साल अगस्त से फरार थे. बयान के मुताबिक, एजेंसी की टीम ने राहुल को दिल्ली से तथा रितेश को गोवा से गिरफ्तार किया है.
अधिकारियों ने बताया कि वकटे कथित तौर पर हवाला के माध्यम से प्राप्त धन को वर्मा तक पहुंचाने का काम करता था. वकटे के नाम पर तीन फर्म रजिस्टर्ड थीं, जिनमें भारी मात्रा में नकदी जमा की गई थी.
उन्होंने बताया कि यादव कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के पैनल का संचालन कर रहा था और उसने हवाला के माध्यम से धन प्राप्त करने के बाद वर्मा और एक अन्य व्यक्ति सतीश चंद्राकर की सहायता की थी. उन्होंने बताया कि हवाला के 43 लाख रुपये को फ्रीज किया गया है.
चंद्राकर को पिछले साल ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था.
बयान में कहा गया है कि यादव पुणे (महाराष्ट्र) में महादेव सट्टेबाजी ऐप पैनल का संचालन कर रहा था. राज्य की एसीबी ने पुणे पुलिस के सहयोग से वहां छापेमारी की और आठ लोगों को गिरफ्तार किया जो सट्टेबाजी ऐप पैनल के संचालन में शामिल थे. उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई पुणे पुलिस द्वारा की जा रही है.
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में अपनी प्राथमिकी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ ऐप के प्रवर्तकों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को आरोपी बनाया है.
ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी में कहा गया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तक रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल ने लाइव ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से सट्टेबाजी में शामिल हुए.
प्राथमिकी के अनुसार, 2020 में कोविड महामारी के चलते लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवर्तकों और पैनल संचालकों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए हैं.
इसमें कहा गया है कि पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवर्तकों को अवैध धन हस्तांतरित किया.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया है तथा महादेव ऐप के प्रवर्तकों से संरक्षण राशि के रूप में अवैध संपत्ति अर्जित की है.
ईडी ने कई अचल संपत्तियों की अस्थायी कुर्की की है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बीते विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था.
इस साल जनवरी में भूपेश बघेल ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक साजिश'' करार दिया था और संघीय एजेंसी पर अपने ‘‘राजनीतिक आकाओं'' के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था.
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