
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य का दूरदर्शी विकास मॉडल प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि कभी नक्सल हिंसा के लिए पहचाना जाने वाला बस्तर अब देश को विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देने जा रहा है. मुख्यमंत्री साय ने नीति आयोग के मंच पर छत्तीसगढ़ के लिए 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य रखा और इसके केंद्र में ‘3T मॉडल' (Technology, Transparency, Transformation) को बताया.
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन अब तकनीक आधारित, पारदर्शी और तेज गति से निर्णय लेने वाला बन रहा है. हर योजना को डिजिटली ट्रैक किया जा रहा है, ताकि आम जनता को समय पर और सही सेवाएं मिल सकें. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह मॉडल न सिर्फ छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में मदद करेगा, बल्कि भारत के विकसित राष्ट्र बनने के 2047 लक्ष्य में राज्य की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करेगा.
तैयार हुई 2047 तक की रणनीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने वर्ष 2047 तक के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि होगी. इस रणनीति को ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डाक्यूमेंट' नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की विस्तृत योजना है.

उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कृषि, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है. इन सभी क्षेत्रों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए 10 अलग-अलग मिशन बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब केवल संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं का क्षेत्र बन गया है. बस्तर और आसपास के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए हैं, जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब यहां के बच्चे जंगल में लकड़ी चुनने के बजाय लैपटॉप और मशीनें चला रहे हैं.
बड़े निवश की तरफ बढ़ता बस्तर
उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर में अब बड़े निवेश आ रहे हैं. नवा रायपुर में स्थापित होने जा रही देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर से बस्तर और पूरे राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोल दिए है. अब बस्तर ‘मेक इन इंडिया' का उपयुक्त स्थल बनने जा रहा है.
नक्सलवाद पर बात करते हुए मुख्यमंत्री साय ने बताया कि मार्च 2026 तक पूरे राज्य को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास, प्रशिक्षण और स्वरोजगार की योजनाएं बनाई गई हैं. बस्तर में अब आदिवासियों को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और बाज़ार की सुविधाएं मिल रही हैं. स्थानीय उत्पादों की बिक्री से रोज़गार के नए रास्ते खुल रहे हैं. बस्तर का धुड़मारास गांव तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव' की सूची में भी शामिल किया गया है.
राज्य में रेल नेटवर्क को 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक ले जाने का काम किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा भी शुरू हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनने की ओर अग्रसर है.
स्टील, कोयला जैसे खनिज का भंडार
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है. खासकर स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता से छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी बन रहा है. स्टील उत्पादन क्षमता को 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन करने और बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 2030 तक हम देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है. यह लिथियम इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी की दिशा में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा. मुख्यमंत्री साय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए 350 से अधिक नीतिगत सुधारों की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि अब जमीन के पंजीकरण जैसे कार्य घर बैठे केवल 500 रुपये में किए जा सकते हैं. नई औद्योगिक नीति में ग्रामीण क्षेत्रों में प्ले स्कूल, हॉस्पिटल और कॉलेज खोलने पर विशेष छूट दी जा रही है.
नीति आयोग में छत्तीसगढ़ की खास बातें:-( 2047 का रोडमैप )
छत्तीसगढ़ – देश की ऊर्जा और उद्योग की रीढ़
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश की बिजली के साथ -साथ कोयला, स्टील और सीमेंट जैसे अहम संसाधन मुहैया कराता है, जो हर घर और कारखाने के लिए जरूरी हैं.
महत्व: छत्तीसगढ़ की यह ताकत पूरे भारत के विकास को मजबूत आधार देती है.
खेती और जंगल – ग्रामीण जीवन की नई चमक
खेती, मछली पालन और वन उत्पादों के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तेजी से उभर रहा है, जिससे किसानों और आदिवासियों की रोज़गार संभावनाएं बढ़ रही हैं.
महत्व: यह कदम ग्रामीण इलाक़ों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है.
आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति
आदिवासियों के परिवारों को जमीन का अधिकार पाने की प्रक्रिया अब आसान हुई है, जिससे उनकी सुरक्षा और सामाजिक सम्मान बढ़ेगा.
महत्व: यह बदलाव सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है.
पर्यटन से ग्रामीणों को नई उम्मीद
HHH मॉडल के ज़रिए (हॉस्पिटैलिटी, आवास, हस्तशिल्प) पर्यटन बढ़ाने की योजना से स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोजगार मिलेगा.
महत्व: यह आर्थिक विकास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी विश्वभर में पहचान दिलाएगा.
डिजिटल बदलाव से प्रशासन में पारदर्शिता और गति
अब सरकारी कामों में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है. छत्तीसगढ़ ने “3T” योजना बनाई है – टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रांसफॉर्मेशन. इसका मतलब है कि सरकारी काम अब साफ-सुथरे और जल्दी होंगे. ऑनलाइन फॉर्म, समय पर सेवाएं और आसान प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा.
महत्व: यह भ्रष्टाचार को घटाकर जनता के विश्वास को मजबूत करता है.
नीति और सुधारों में छत्तीसगढ़ की अगुआई
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधनों का राज्य नहीं, बल्कि नीति और प्रशासन में देश को आगे बढ़ाने वाला राज्य बन रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विचार को छत्तीसगढ़ पूरी लगन से लागू कर रहा है. अब तक 350 से ज्यादा सरकारी सुधार किए गए हैं.
सड़क-हवाई जुड़ाव से रफ्तार: 11 साल में 21,380 करोड़ से नई सड़कें बनीं. अब जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर एयरपोर्ट से सीधा जुड़ाव देश-दुनिया से.
रेलवे का नया युग: 161 साल में 1100 किमी रेल लाइन बनी थी. अब 2030 तक ये दोगुनी होकर 2200 किमी होगी – मोदी सरकार का नया लक्ष्य.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं