प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नए कन्वेंशन सेंटर में 'विकसित भारत @2047 : टीम इंडिया की भूमिका' विषय पर नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. नीति आयोग की इस बैठक के दौरान पीएम मोदी की अध्यक्षता में कई अहम मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है. इससे पहले भी देशभर में कई बार नीति आयोग की चर्चा हो चुकी है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर नीति आयोग क्या है और इसकी कार्य संरचना कैसी है? हम आपको यहां नीति आयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
नीति आयोग क्या है ?
नीति आयोग योजना आयोग का बदला हुआ नाम है. 1950 में यानि करीब 73 साल पहले योजना आयोग का गठन हुआ था. योजना आयोग के पहले अध्यक्ष देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे.
योजना आयोग गठन का क्या उद्देश्य था ?
आयोग का काम देश के संसाधनों का आंकलन और पंचवर्षीय योजना तैयार करना था. फिर पंचवर्षीय योजनाएं तैयार कर मौजूद संसाधनों को उनके लिए आवंटित किया जाता था.
योजना आयोग से नीति आयोग
2014 में 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से योजना आयोग को खत्म करने का ऐलान किया था और नीति आयोग लाए जाने की घोषणा की थी.
नीति आयोग का गठन
इस आयोग को अस्तित्व में आए 8 साल हो चुके हैं. 1 जनवरी 2015 को इसका गठन हुआ. NITI यानि NATIONAL INSTITUTION FOR TRANSFORMING INDIA.
NITI आयोग योजना आयोग से कैसे अलग ?
योजना आयोग पर ये आरोप लग रहे थे कि वो ज़मीनी हकीकत से परे था. किसी को भी पंचवर्षीय योजना के लाभ नहीं मिलने का आरोप लग रहे थे. इन्हीं सवालों को देखते हुए नीति आयोग के गठन का फैसला लिया गया था. इसे केंद्र सरकार का थिंक-टैंक भी कहा जाता है.
नीति आयोग का मुख्य काम ?
नीति आयोग का काम केंद्र सरकार को आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर सलाह देना है. नीति आयोग एक ऐसा तंत्र है, जहां केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी अपने विचार और सोच रखने का मौका मिलता है. मसलन जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने से ठीक पहले नीति आयोग के अधिकारियों ने दौरा किया था और अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी कि वहां किस तरह की नीतियां बनाई जाए, ताकि वहां के स्थानीय लोगों को लाभ हो और उनकी अनदेखी न हो.
नीति आयोग की रूप रेखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं. आयोग के गवर्निंग काउन्सिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा है, वहां के मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया है.