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This Article is From Jun 30, 2019

मोहन मरकाम को बनाया गया छत्तीसगढ़ कांग्रेस का नया अध्यक्ष तो विदाई भाषण में रो पड़े CM बघेल, देखें VIDEO

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आदिवासी नेता मोहन मरकाम राज्य में सत्ताधारी दल कांग्रेस की अगुवाई करेंगे.

मोहन मरकाम को बनाया गया छत्तीसगढ़ कांग्रेस का नया अध्यक्ष तो विदाई भाषण में रो पड़े CM बघेल, देखें VIDEO
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल.
रायपुर:

मोहन मरकाम को छत्तीसगढ़ के नए कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने विदाई भाषण के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावुक हो गए. सीएम बघेल स्टेज पर खड़े होकर विदाई भाषण दे रहे थे और उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया. न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पल के लिए वह भाषण देते हुए रुकते है और फिर चश्मा उतारकर अपने आंसू पोंछने लगे. इसके बाद वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'भूपेश बघेल जिंदाबाद, कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद' के नारे लगाए.

बता दें, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आदिवासी नेता मोहन मरकाम राज्य में सत्ताधारी दल कांग्रेस की अगुवाई करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूपेश बघेल के स्थान पर मरकाम की नियुक्ति की है. बता दें, पिछले साल के आखिर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी जिसके बाद पीसीसी अध्यक्ष बघेल मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद से वह पीसीसी अध्यक्ष की भी भूमिका निभा रहे थे. हाल ही में बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी और नए पीसीसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा की थी.

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मरकाम कांग्रेस के मुखर आदिवासी नेता माने जाते हैं. वह विधानसभा के भीतर और बाहर आदिवासी मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते है. छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस सत्ता में आई तब इसका श्रेय प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को दिया गया और उन्हें मुख्यमंत्री चुन लिया गया. बघेल साल 2013 से प्रदेश अध्यक्ष थे. भूपेश बघेल के बाद अब आदिवासी बाहुल्य बस्तर इलाके के कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 15 सितंबर 1967 को कोंडागांव जिले की माकड़ी तहसील के अंतर्गत टेडमुंडा गांव में जन्मे मरकाम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं. 

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मरकाम ने वर्ष 2008 में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार लता उसेंडी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह 2771 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे. बाद में 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में मरकाम ने भाजपा उम्मीदवार लता उसेंडी को मात दी. मरकाम को चौथी विधान सभा (वर्ष 2013 से 2018) के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला विधायक चुना गया. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 90 सीटों में 68 सीटें लेकर सत्ता में आई तब उन्हें बस्तर क्षेत्र के आदिवासियों का साथ मिला. वहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीत को दोहरा नहीं पाई और 11 सीटों में से केवल दो सीटें ही जीत पाई. लेकिन इस बार भी बस्तर ने कांग्रेस का साथ दिया. बस्तर से लगातार जीत के बाद कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार कमान बस्तर के किसी आदिवासी नेता को सौंपेंगे. 

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी कहते हैं कि बस्तर के लोगों ने विधानसभा और लोक सभा चुनावों में बड़े पैमाने पर कांग्रेस का समर्थन किया है. बस्तर क्षेत्र के रहने वाले मरकाम ने दोनों चुनावों विधानसभा और लोकसभा के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय किया. त्रिवेदी कहते हैं कि मरकाम के पास पार्टी के लिए कार्य करने का बड़ा अनुभव है जो निश्चित रूप से पार्टी की मदद करेगा. राज्य में जल्द ही होने वाले नगरीय निकाय चुनाव उनकी पहली परीक्षा होगी.

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