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This Article is From Jun 16, 2021

चेन्‍नई की Food Angels, जो कोरोना प्रभावितों को उपलब्‍ध करा रहीं खाना

कोरोना महामारी ने लोगों को, दूसरों के प्रति ज्‍यादा मददगार बनाया है. महामारी के दौरान लोगों के अपने कोविड पॉजिटिव परिजनों को छोड़ने की रिपोर्ट के बीच, इन बहनों की ओर से किया जाने वाला कार्य, निश्चित रूप से लोगों के लिए प्रेरणा है

चेन्‍नई:

इंटीरियर डिजाइनर और बेकर नीता जेसानी और उनकी मां अपने चेन्‍नई स्थित घर में रोजाना करीब 10 लोगों का अतिरिक्‍त भोजन (additionalmeals) तैयार करती हैं. वे यह पौष्टिक भोजन पैक करके कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों और उनके परिवारों को भेजती हैं. अपने इस सेवा कार्य के जरिये वे होम आइसोलेशन और क्‍वारंटाइन के अलावा अस्‍पताल में भर्ती मरीजों और उनके अटेंडेंट्स की मदद करती हैं. नीता यह भोजन, रेस्‍टोरेंट की तरह टेकअवे प्‍लेट्स में दिन में तीन बार भेज रही हैं. वे इस खाने के साथ, हाथ से लिखा हुआ 'गेट वेल सून' का मैसेज भी चिपकाना नहीं भूलतीं. चेन्‍नई शहर का गहन पूर्ण लॉकडाउन (Intense total lockdown) अब तक उन्‍हें इस कार्य से नहीं रोक पाया है. 

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही नीता ने 400 से अधिक लोगों को खाना भेजा है. उन्‍होंने NDTV से बातचीत में कहा, 'बीमारी अकेले ही अपने आप में काफी 'महंगी' होती है. लोग अपने संसाधनों का ज्‍यादातर, इलाज पर खर्च कर रहे हैं. ऐसे समय पर इन्‍हें पौष्टिक खाने की जरूरत होती है और भोजन के जरिये हम मदद कर सकते हैं. जिस संभव तरीके से हम लोगों की मदद कर सकते हैं, हमें करनी चाहिए और यह जिंदगी में काफी अंतर पैदा करता है.'

चेन्‍नई के एक अन्‍य हिस्‍से में नीता की बहन दिव्‍या केसवानी का परिवार भी ऐसी ही जरूरत वाले लोगों की मदद करता है. पूरा परिवार और उनके ससुराल वाले हाल ही में कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए हैं. ये लोग खुशकिस्‍मत रहे कि जरूरत के वक्‍त उन्‍हें दोस्‍तों और परिजनों की मदद मिली, अब वे खुशी-खुशी यह मदद दूसरे लोगों तक, यहां तक की अजनबियों को भी पहुंचा रहे हैं. गौरतलब है कि अजनबियों को मदद के बिना काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. इस बैंकर का परिवार भोजन के अलावा बच्‍चों और बुजुर्गों के लिए कुकीज और स्‍पेशल स्‍नैक्‍स भी तैयार कर रहा है.

दिव्‍या कहती हैं, हम बहनों को लोग चेन्‍नई की भोजन की देवी (Chennai's Food Angels) कहकर भी बुलाते हैं हालांकि इस दौरान इन्‍हें कुछ उलझन भरे लम्‍हों से भी गुजरना पड़ा है. नीता बताती हैं, 'ऐसा कई बार हुआ है, जब लोग खाने की जरूरत को अचानक ही यह कहते हुए कैंसल कर देते है कि पेशेंट की मौत हो गई है.,ऐसे में हमें दुख महसूस होता है.' दिव्‍या भी कहती हैं, 'इस व्‍यवस्‍था में होने वाला खर्च, ऐसा करके हासिल होने की वाली खुशी के आगे कुछ भी नहीं है.' इस महामारी ने लोगों को, दूसरों के प्रति ज्‍यादा मददगार बनाया है. महामारी के दौरान लोगों के अपने कोविड पॉजिटिव परिजनों को छोड़ने की रिपोर्ट के बीच, इन बहनों की ओर से किया जाने वाला कार्य, निश्चित रूप से लोगों के लिए प्रेरणा है.

लॉटोलैंड आज का सितारा श्रृंखला में हम आम आदमियों और उनके असाधारण कार्यों के बारे में जानकारी देते हैं. Lottoland चेन्‍नई की इन बहनों को एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगा.

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