बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार में टॉपर घोटाले के मामले में आज पटना पुलिस ने चार्जशीट दखिल कर दी. चार्जशीट 32 लोगों के खिलाफ दाखिल की गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक दिवस पर एक कार्यक्रम में इस घोटाले को उजाकर करने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया.
टापर घोटाले में प्राथमिकी दर्ज होने के तीन माह बाद सोमवार को पुलिस ने बिहार सहित पूरे देश में चर्चित टॉपर घोटाले में 32 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. इस चार्जशीट में 20 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं. बारह अन्य लोगों में इस साल के टॉपर रूबी रॉय, सौरव और राहुल आदि भी शामिल हैं. इनमें से नौ आरोपी फरार हैं.
गौरतलब है कि यह घोटाला परीक्षा परिणाम आने के बाद टॉपर्स द्वारा न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में ऊटपटांग जवाब देने पर उजागर हुआ था. इस मामले में मास्टरमाइंड आरजेडी के नेता बच्चा राय, बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ललकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी जद यू की विधायक उषा सिन्हा भी गिरफ्तार हुईं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को उजागर करने के लिए पहली बार मीडिया को धन्यवाद कहा. शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने धन्यवाद देते हुए माना की मीडिया में टॉपर्स के इंटरव्यू नहीं चलते तो शायद किसी को इस घोटाले और उसके पीछे के दिमाग और अभियुक्तों के बारे में अंदाज भी नहीं होता और नीतीश ने स्वीकर किया कि वर्षों से चले आ रहे इस घोटाले को अब राज्य सरकार ने चुनौती से लिया है और वर्तमान में ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.
नीतीश ने कहा कि जिसने भी भरोसा तोड़ा है उन्हें उनकी गलती की सजा मिलेगी. नीतीश के इस बयां से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की जांच में लगी टीम चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब इस मामले के स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट से आग्रह कर सकती है.
लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर पटना में बैठे वे कौन प्रधान सचिव थे जिन्होंने वैशाली के जिलाधिकारी को फोन कर बच्चा राय के मनमाफिक सेंटर बदलने के आदेश दिए.
टापर घोटाले में प्राथमिकी दर्ज होने के तीन माह बाद सोमवार को पुलिस ने बिहार सहित पूरे देश में चर्चित टॉपर घोटाले में 32 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. इस चार्जशीट में 20 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं. बारह अन्य लोगों में इस साल के टॉपर रूबी रॉय, सौरव और राहुल आदि भी शामिल हैं. इनमें से नौ आरोपी फरार हैं.
गौरतलब है कि यह घोटाला परीक्षा परिणाम आने के बाद टॉपर्स द्वारा न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में ऊटपटांग जवाब देने पर उजागर हुआ था. इस मामले में मास्टरमाइंड आरजेडी के नेता बच्चा राय, बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ललकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी जद यू की विधायक उषा सिन्हा भी गिरफ्तार हुईं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को उजागर करने के लिए पहली बार मीडिया को धन्यवाद कहा. शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने धन्यवाद देते हुए माना की मीडिया में टॉपर्स के इंटरव्यू नहीं चलते तो शायद किसी को इस घोटाले और उसके पीछे के दिमाग और अभियुक्तों के बारे में अंदाज भी नहीं होता और नीतीश ने स्वीकर किया कि वर्षों से चले आ रहे इस घोटाले को अब राज्य सरकार ने चुनौती से लिया है और वर्तमान में ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.
नीतीश ने कहा कि जिसने भी भरोसा तोड़ा है उन्हें उनकी गलती की सजा मिलेगी. नीतीश के इस बयां से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की जांच में लगी टीम चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब इस मामले के स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट से आग्रह कर सकती है.
लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर पटना में बैठे वे कौन प्रधान सचिव थे जिन्होंने वैशाली के जिलाधिकारी को फोन कर बच्चा राय के मनमाफिक सेंटर बदलने के आदेश दिए.
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