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This Article is From Jun 17, 2022

केंद्र के पास अब बस हिटलर जैसे गैस चैंबर की कमी है : शिवसेना का वार

सामना में दावा किया गया कि बस अब सरकार के पास विरोधियों को खत्म करने के लिए गैस चैंबर की ही कमी बची है, जैसा कि हिटलर ने बनाया था.शिवसेना के संपादकीय में पूछा गया कि तो फिर कानून सबके लिए बराबर कैसे है?

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केंद्र के पास अब बस हिटलर जैसे गैस चैंबर की कमी है : शिवसेना का वार
शिवसेना का मोदी सरकार पर वार
मुंबई:

शिवसेना ने आज दावा किया कि भाजपा न केवल दिवंगत कांग्रेस नेताओं पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की यादों को मिटाना चाहती है, बल्कि वह नेहरू-गांधी वंश की विरासत को भी नष्ट करना चाहती है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से पूछताछ को लेकर शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में केंद्र की आलोचना की गई है.

मराठी दैनिक ने इसे सत्ता का अहंकार करार देते हुए कहा कि गांधी से सवाल करके भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह "किसी का भी कॉलर" पकड़ सकती है. भाजपा न केवल पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की यादों को मिटाना चाहती है, बल्कि नेहरू-गांधी वंश की विरासत को भी नष्ट करना चाहती है. आज राहुल गांधी और सोनिया गांधी हैं, कल कोई भी हो सकता है.

ये भी पढ़ें- देवेंद्र फडणवीस भी हमारे पक्ष में मतदान करेंगे, अगर... : बोले शिवसेना के संजय राउत

सामना में दावा किया गया कि बस अब सरकार के पास विरोधियों को खत्म करने के लिए गैस चैंबर की ही कमी बची है, जैसा कि हिटलर ने बनाया था.शिवसेना के संपादकीय में पूछा गया कि तो फिर कानून सबके लिए बराबर कैसे है?

इसमें कहा गया है कि शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसी पार्टियां प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घरे में हैं. एजेंसी को कभी भी किसी भाजपा नेता के यहां छापेमारी करते नहीं देखा गया है. प्रवर्तन निदेशालय का एकमात्र काम (महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री) अनिल देशमुख, (राज्य मंत्री) नवाब मलिक (दोनों वर्तमान में जेल में), अभिषेक बनर्जी (टीएमसी), संजय राउत, अनिल परब (शिवसेना के दोनों) और लालू प्रसाद को फंसाना है.

बता दें कि राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लगातार तीसरे दिन बुधवार को ईडी के सामने पेश हुए एजेंसी ने मीडिया संगठन और उसके मालिक यंग इंडियन के संबंध में निर्णय लेने में उनकी "व्यक्तिगत भूमिका" के बारे में जवाब मांगा था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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