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This Article is From Feb 18, 2025

केंद्र ने पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी

एकीकृत पीएम-आशा योजना की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की जाती है. केंद्रीय नोडल एजेंसियां राज्यस्तरीय एजेंसियों के जरिये पंजीकृत किसानों से सीधे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर यह खरीद करती हैं.

केंद्र ने पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी
केंद्र सरकार की मिली मंजूरी, अब साल 2025-26 तक जारी रहेगी पीएम-आशा योजना.
नई दिल्ली:

केंद्र ने एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एकीकृत पीएम-आशा योजना का मकसद खरीद कार्यों का प्रभावी कार्यान्वयन करना है. यह योजना किसानों को अच्छी कीमत देने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है. एकीकृत पीएम-आशा योजना की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की जाती है. केंद्रीय नोडल एजेंसियां राज्यस्तरीय एजेंसियों के जरिये पंजीकृत किसानों से सीधे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर यह खरीद करती हैं.

सरकार ने पीएसएस के तहत खरीद वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत के बराबर तुअर, उड़द और मसूर को खरीदने की अनुमति दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएसएस के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है, जिसकी कुल मात्रा 13.22 लाख टन होगी. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद शुरू हो चुकी है. अन्य राज्यों में भी तुअर की खरीद बहुत जल्द शुरू होगी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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